काठमाण्डू। नेपाल (Nepal) में बीते दिनों युवाओं के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान देश को जान माल की बड़ी हानि हुई है। अधिकारियों के मुताबिक प्रदर्शन से जुड़ी घटनाओं (Performances, events) में कम से कम 51 लोगों की मौत हो गई। वहीं युवाओं ने देश के संसद भवन और सुप्रीम कोर्ट सहित कई बड़े मंत्रियों के घरों को आग के हवाले कर दिया, जिससे उबरने में देश को महीने लग सकते हैं। इस बीच अब नेपाल के होटल उद्योग से जुड़े लोगों ने बताया है कि हिंसा के दौरान इंडस्ट्री को करीब 25 अरब नेपाली रुपए का नुकसान हुआ है।
बता दें कि नेपाल की अर्थव्यवस्था बड़े पैमाने पर टूरिज्म पर निर्भर करती है और होटल उद्योग इसका एक प्रमुख हिस्सा है। जानकारी के मुताबिक बीते दिनों सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान देश भर के लगभग दो दर्जन होटलों में तोड़फोड़, लूटपाट या आगजनी की घटनाओं के बाद 25 अरब नेपाली रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
माई रिपब्लिका ने होटल एसोसिएशन नेपाल द्वारा जारी एक बयान के हवाले से बताया कि सबसे ज्यादा प्रभावित होटलों में काठमांडू का हिल्टन होटल शामिल है, जिसे अकेले 8 अरब रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। काठमांडू घाटी, पोखरा, बुटवल, भैरहवा, झापा, विराटनगर, धनगढ़ी, महोत्तरी और डांग-तुलसीपुर के अन्य प्रमुख घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड होटलों को भी हिंसा की वजह से भारी नुकसान हुआ है।
मुआवजे की मांग
इस बीच नेपाल की पूर्व CJI सुशीला कार्की ने अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभाल लिया है। सुशीला कार्की को शुक्रवार रात नेपाल के राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलवाई। शपथ लेते ही अंतरिम सरकार का पहली जिम्मेदारी मौजूदा हालातों को सामान्य बनाकर देश में नए सिरे से चुनाव कराने की होगी। 73 वर्षीय सुशीला कार्की ने कहा है कि वह छह महीने या एक साल के भीतर चुनाव संपन्न करवाने की कोशिश करेंगी।

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