
डेस्क: देश में इस्लामिक शिक्षा का सबसे बड़ा केंद्र दारुल उलूम देवबंद खुलकर फिलिस्तीन के समर्थन में आ गया है. दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने एक पत्र जारी करके कहा है कि फिलिस्तीन और खासकर गाजा में क्रूरता और बर्बरता की सारी हदें पार हो चुकी हैं.
दारुल उलूम के मोहतमिम का कहना है कि संयुक्त राष्ट्र संघ और सभी मानवाधिकार संगठन इस समय मूकदर्शक बने हुए हैं. गाजा में जंग नहीं एक बड़ा नरसंहार हो रहा है. ये पवित्र सरजमीं फिलिस्तीन इस समय इतिहास के सबसे खराब दौर से गुजर रही है और ऐसे में सभी मुस्लिमों की धार्मिक और नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वह फिलिस्तीन के बेकसूर लोगों के लिए दुआएं करें साथ ही इसके खिलाफ एकजुट होकर इस जुल्म के खिलाफ एक बड़ी आवाज उठाएं.
दारुल उलूम के महोतमिम पत्र में लिखते हैं कि फिलिस्तीन में बेकसूर महिलाओं, बच्चों और नागरिकों पर लगातार बमबारी की जा रही है. शहर के शहर तबाह हो चुके हैं. ये नरसंहार 21वीं सदी के सबसे विकसित और सभ्य विश्व की आंखों के सामने जारी है, जिसका एक ही लक्ष्य है कि एक राष्ट्र को विश्व के नक्शे से मिटा देना है.
मौलाना अबुल कासिम ने कहा कि फिलिस्तीन की सरजमीं मरघट में तब्दील हो चुकी है. इन हालातों में हम भारतीय मुसलमानों की नैतिक, धार्मिक और मानवीय जिम्मेदारी है कि हम उनके दर्द को महसूस करें और उनके हक में एकजुट होकर दुआएं करें.
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