
नई दिल्ली। गो-फर्स्ट एयरलाइंस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। इंजन सप्लायर कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी की तरफ से इंजनों की आपूर्ति न हो पाने के चलते एयरलाइन को अपनी उड़ानों को 9 मई तक के लिए रद्द करना पड़ा है। पहले कंपनी ने फ्लाइट्स को तीन दिन के लिए ही रोका था।
हालांकि, वित्तीय संकट न सुलझने की वजह से गो फर्स्ट की मुसीबतें बढ़ गई हैं। इसी के साथ गो फर्स्ट ने टिकटों की बिक्री पर 15 मई तक रोक लगा दी है और कहा है कि वह पहले मौजूदा बुकिंग्स की तारीखों को बदलकर आगे बढ़ाने पर विचार कर रही है।
डीजीसीए ने इससे पहले एयरलाइन को तीन मई से पांच मई तक के लिए उड़ानें रद्द करने को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इस नोटिस का जवाब मिलने के बाद डीजीसीए ने कहा कि गो फर्स्ट की ओर से अचानक ही ऑपरेशन बंद किए जाने के बाद वह यात्रियों की समस्याओं को कम से कम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
डीजीसीए ने रिफंड को लेकर दिया निर्देश
गौरतलब है कि कंपनी ने दिवालिया कार्रवाई के तहत सरकार से संकट से निकालने की भी मांग रख दी है। ऐसे में यात्रियों ने अपने टिकट रिफंड की मांग का मुद्दा उठाया है। अब विमानन नियामक डीजीसीए ने इसे लेकर एक आदेश जारी किया है। डीजीसीए ने कहा है कि गो फर्स्ट यात्रियों को रिफंड की प्रक्रिया शुरू कर दे।
23 गो फर्स्ट विमानों का पंजीकरण रद्द करने के लिए विमान पट्टेदारों ने नियामक से किया संपर्क
डीजीसीए ने इस मामले में यह भी बताया है कि विमान पट्टेदारों ने 23 गो फर्स्ट विमानों का पंजीकरण रद्द करने के लिए डीजीसीए (नागर विमानन महानिदेशालय) से संपर्क किया किया।
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