
अमरावती । आंध्र प्रदेश में गोदावरी नदी के उफान पर आने के बाद पूर्वी और पश्चिमी गोदावरी जिलों में कई द्वीपीय गांव जलमग्न हो गये हैं। साथ ही, सड़क संपर्क टूट गया है। प्रदेश सरकार ने किसी आपात स्थिति से निपटने के लिये राज्य आपदा मोचन बल की टीमें तैनात की हैं। अधिकारियों ने बाढ़ का 11.21 लाख क्यूसेक पानी राजमहेंद्रवरम के पास दोवालेस्वमरम स्थित सर आर्थर कॉटन बराज पहुंचने के बाद प्रथम चेतावनी जारी की है।
कॉटन बराज में शनिवार दोपहर तक 2.93 टीएमसी फुट पानी भर जाने के कारण बाढ़ का समूचा पानी बंगाल की खाड़ी में प्रवाहित किया गया। गोदावरी नदी के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश होने के चलते शुक्रवार से नदी का जल स्तर काफी बढ़ गया है। रविवार सुबह तक दूसरी चेतावनी जारी किये जाने की उम्मीद है क्योंकि बाढ़ का पानी 13 लाख क्यूसेक को पार कर सकता है।
आंध्र प्रदेश के आपदा प्रबंधन आयुक्त के. कन्ना बाबू ने कहा, ”हमने बाढ़ के मद्देनजर अधिकारियों को सभी एहतियाती उपाय के लिये सतर्क कर दिया है। ” उन्होंने कहा कि किसी भी अकस्मात स्थिति से निपटने के लिये एसडीआरएफ की दो टीमें राजमहेंद्रवरम में तैयार रखी गई है। साथ ही एनडीआरएफ की टीमें भी तैयार रखी गई हैं।
बाढ़ का पानी बढ़ने के कारण प्रभावित गांवों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। इस बीच, एसडीआरएफ ने कहा है कि विशाखापत्तनम, पूर्वी और पश्चिमी गोदावरी जिलों में छिटपुट स्थानों पर अगले 48 घंटों में भारी से बहुत भारी बारिश होन की संभावना है। उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर हवा का कम दबाव का क्षेत्र बना है, जिस कारण ऐसा होगा।
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