
कानपुर । अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप (US President Trump) के टैरिफ (Tariff) से उपजे तनाव के बीच अच्छी खबर आई है। चिंता और भविष्य की तमाम आशंकाओं से घिरे लेदर निर्यातकों (Leather Exporters) को रूस (Russia) का पैगाम आया है। रशियन कारोबारियों ने भारतीय चमड़ा निर्यातकों से व्यापारिक रिश्तों को और धार देने की दिलचस्पी दिखाई। इससे संकट से गुजर रही लेदर इंडस्ट्री को मजबूती मिलने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का भी मानना है कि अमेरिका से बढ़ती खटास के दौरान रूस का आगे आना फायदेमंद होगा। कानपुर, उन्नाव, आगरा समेत यूपी से लगभग सालाना दो हजार करोड़ रुपये का लेदर कारोबार रूस से होता है। कानपुर रीजन से 500 करोड़ से ज्यादा का निर्यात होता है।
ट्रंप ने भारतीय उत्पादों पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया तो चमड़ा निर्यातकों के सामने बड़ा संकट गहरा गया। भारत के चमड़ा निर्यातकों के लिए अमेरिका इसलिए महत्वपूर्ण है कि सालाना 88 अरब का कारोबार यहीं से होता है। ऐसे में अमेरिका का हाथ से निकलना मतलब इंडस्ट्री कई साल पीछे चली जाएगी। निर्यातकों के सामने अमेरिका के विकल्प के तौर पर नए बाजार खोजने की बड़ी चुनौती भी है।
मुफीद माहौल व व्यवस्था उपलब्ध कराने का भरोसा
लेदर कारोबारी इखलाक के अनुसार, 50 फीसदी टैरिफ के बाद हमारे सामने भी नए बाजार की खोज करना बेहद जरूरी है। ऐसे में रशियन कारोबारियों ने व्यापार बढ़ाने की इच्छा जताई है। नए कारोबारी आगे आए हैं, वहीं पहले से कारोबार कर रहे रशियन उद्यमियों ने व्यापार को विस्तार देने की प्लानिंग साझा की है। इसके लिए रूस में मुफीद माहौल व व्यवस्था उपलब्ध कराने का भरोसा भी दिया है।
अमेरिकी बाजार की तरह रशिया में भी डिमांड
भारतीय निर्यात परिषद के सहायक निदेशक आलोक श्रीवास्तव के अनुसार, देश-प्रदेश में तैयार लेदर उत्पादों की डिमांड अमेरिकी बाजार की तरह रशिया में भी जबरदस्त है। खासकर फ्टी, फैंसी शू व सैडलरी के शौकीन रूस के लोग भी हैं। इसी वजह से रूस में लेदर व्यापार को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं, लेदर कारोबार को गति देने के लिए रशियन और भारतीय उद्यमी जल्द मिलेंगे। एक-दूसरे के देश में लेदर कारोबारियों का प्रतिनिधिमंडल भी जाएगा।
क्या बोले कारोबारी
सीएलई के पूर्व नेशनल चेयरमैन मुख्तारुल अमीन ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से मिले तनाव के बीच रूस के कारोबारी हमसे व्यापार बढ़ाना चाह रहे हैं। रशियन कारोबारियों ने भारतीय चमड़ा निर्यातकों से दिलचस्पी दिखाई है। कारोबार के लिए मुफीद माहौल व व्यवस्था उपलब्ध कराने का भरोसा भी मिल रहा है। अमेरिका जैसे बड़े बाजार की भरपाई रूस से संभव भी है। हम इसको लेकर उत्साहित हैं।
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सीएलई के रीजनल चेयरमैन असद इराकी ने कहा कि संकट में रूस का आगे आना लेदर इंडस्ट्री के लिए फायदेमंद साबित होगा। कारोबार के लिए मुफीद माहौल व व्यवस्था उपलब्ध कराने का भरोसा मिल रहा है। हमारा भी प्रयास यह है कि नए बाजार जल्द खोजें। ऐसे में रूस का आगे आना अहम है।
रूस से कारोबार में इजाफा के फायदे
भारतीय लेदर निर्यातकों को मिलेगा एक बड़ा बाजार
भारतीय हुनर व गुणवत्ता में और बेहतरी के अवसर
रोजगार पर खतरा काफी हद तक टलेगा, मिलेंगे नए अवसर
नए और छोटे कारोबारियों के सामने कम होगा संकट
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