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…जब-तब मुंह की खाई! हिमंत बिस्वा सरमा ने पाकिस्तान को दिला दी युद्धों की याद

  • April 30, 2025

    डेस्क: पहलगाम में हुए अटैक के बाद से सीमा पर भारत और पाकिस्तान को बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है. सिंधु जल समझौते पर रोक लगाए जाने से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. ये बौखलाहट नियंत्रण रेखा (LOC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) पर साफ दिख रही है, जहां पाक की ओर से लगातार गोलीबारी की जा रही है. भारतीय सेना भी इसका मुहतोड़ जबाव दे रही है. इसी पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को एक्स पर पोस्ट कर पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाई है.

    हिमंत ने बुधवार को कहा कि भारत-पाकिस्तान युद्ध भारतीय वीरता और विजय की विरासत है. स्वतंत्रता के बाद से, भारत के बहादुर सशस्त्र बल बार-बार पाकिस्तानी आक्रमण के खिलाफ हमारे देश की संप्रभुता की रक्षा करते हुए डटे रहे हैं.

    सीएम सरमाने कहा, जब भी पाकिस्तान ने भारत की एकता और अखंडता को चुनौती देने की कोशिश की है, भारतीय सैनिकों ने मुहतोड़ जबाव दिया है और हर मोर्चे पर देश के गौरव को बनाए रखने के लिए दुश्मन को हराया है. सरमा ने दोनों देशों के बीच लड़े गए चार युद्धों 1947-49 का भारत-पाक , 1965 का युद्ध , 1971 का युद्ध और 1999 का कारगिल युद्ध को याद दिलाया.

    भारत-पाक युद्ध (पहले कश्मीर युद्ध) का जिक्र करते हुए सीएम सरमा ने कहा कि जब पाकिस्तान ने आजादी के तुरंत बाद जम्मू और कश्मीर पर विश्वासघाती हमला किया, तो भारत ने इसका वीरतापूर्वक जवाब दिया. हमारे सैनिकों ने श्रीनगर में ऐतिहासिक एयरलिफ्ट ऑपरेशन को अंजाम दिया और घाटी की सुरक्षा की. सेना ने दिखाया कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है. इस युद्ध के बाद लाइन ऑफ कंट्रोल का निर्माण किया गया.


    सीएम सरमा ने कहा कि 1965 में पाकिस्तान ने धोखे से ऑपरेशन जिब्राल्टर शुरू किया. कश्मीर में घुसपैठ की और बाद में यह पूरी तरह से युद्ध में बदल गया. भारतीय सेना ने पाकिस्तान सैनिकों को खदेड़ दिया और पाकिस्तानी क्षेत्र में अंदर तक घुसकर जवाबी हमले किए. हमारी फौज ने रणनीतिक हाजी पीर दर्रे सहित प्रमुख क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया था. भारत की सैन्य शक्ति के सामने दुश्मन के जीत के सपने टूट गए और भारत की जीत हुई.

    सीएम ने इसी के बाद 1971 के भारत-पाक युद्ध (बांग्लादेश निर्माण) का जिक्र किया. उन्होंने इस युद्ध को लेकर कहा, भारतीय सशस्त्र बलों ने असाधारण साहस, रणनीति और मानवीय भावना को प्रदर्शित किया. पाकिस्तानी सेना के नरसंहार और पूर्वी पाकिस्तान से लाखों शरणार्थियों के आने का जवाब देते हुए, भारतीय सेना ने आधुनिक इतिहास में सबसे तेज और निर्णायक सैन्य अभियानों में से एक शुरू किया. सिर्फ 13 दिनों के अंदर, हमारे सशस्त्र बलों ने बड़ी जीत हासिल की, जिसके नतीजे में 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया और बांग्लादेश को आजाद कराया गया. इसके बाद 1972 में शिमला समझौता भारत की रणनीतिक जीत को सामने रखता है.

    कारगिल युद्ध का जिक्र करते हुए, असम के सीएम ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान ने “छिपकर फायदा उठाने की कोशिश में” कारगिल में रणनीतिक चोटियों पर धोखे से कब्जा कर लिया था. उन्होंने कहा कि सेना ने पहाड़ी इलाकों और ठंड के मौसम में लड़ते हुए पूरी वीरता के साथ हर इंच क्षेत्र पर कब्जा किया और पाकिस्तान को अपमानजनक तरीके से पीछे हटने पर मजबूर कर दिया. इस जीत ने एक बार फिर भारत की क्षेत्रीय अखंडता के प्रति अटूट विश्वास दिलाया.

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