
नई दिल्ली: केंद्र सरकार (Central Government) ने निमोस्लाइड (Nimesulide) की 100 mg से अधिक खुराक पर रोक लगा दी है. यह दर्द और बुखार कम करने वाली दवा है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि ज्यादा खुराक से लीवर और किडनी को गंभीर नुकसान हो सकता है. इस फैसले के पीछे मुख्य कारण मरीजों में दवा के संभावित सुरक्षा जोखिम हैं.
29 दिसंबर को स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) ने इस बैन (Ban) की अधिसूचना जारी की. यह कदम आईसीएमआर और सीडीएससीओ की विशेषज्ञ समिति (Expert Committee) की सिफारिश पर लिया गया. समिति ने चेतावनी दी कि उच्च खुराक से लीवर की गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, जो कभी-कभी जानलेवा भी हो सकती हैं.
इस साल जनवरी में सरकार ने पशुओं (Animal) में उपयोग होने वाली सभी निमोस्लाइड दवाओं (Medicines) पर पहले ही रोक लगा दी थी. इसका कारण पर्यावरण था, क्योंकि यह दवा गायों में उपयोग होने पर गिद्धों के लिए खतरा बन रही थी. अध्ययन में पाया गया कि गिद्धों को यह दवा देने पर 24 घंटे में मौत हो जाती थी.
निमोस्लाइड 1985 में इटली में पेश की गई थी और यह NSAID (नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग) श्रेणी की दवा है. दुनिया के कई देशों जैसे अमेरिका, यूके, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और जापान में इसे मंजूरी नहीं मिली. लंबे समय तक इस्तेमाल करने से लीवर टॉक्सिसिटी, ब्लीडिंग, किडनी डैमेज और त्वचा पर रैश जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
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