
नई दिल्ली: देश में साइबर क्राइम की बढ़ती घटनाओं को लेकर केंद्र सरकार गंभीर हो गई है. टेलिकॉम मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने कहा कि नए टेलिकॉम बिल में साइबर फ्रॉड को रोकने के कई प्रावधान किए गए हैं. खासकर जामताड़ा, अलवर जैसी जगहों पर साइबर फ्राड को रोकने के लिए नए टेलिकॉम बिल में खास प्रावधान किया गया है.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि, ‘यूजर्स के प्रोटेक्शन का इस बिल में ध्यान रखा गया है. इस बिल से साइबर फ्राड को रोकने के काफी हद तक सफलता मिलेगी. आगे भी अगर जरूरत होती है तो सुधार किया जाएगा.’ उन्होंने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुझाव दिया है कि यूजर्स के प्रोटेक्शन पर फोकस रखना है. इस बात का भी मैकेनिज्म होगा जिससे कि काल रिसीव करने वाले को जानकारी मिले कि काल किसका आ रहा है.
वहीं इस नए बिल के तहत अब वॉट्सऐप, जूम और गूगल डुओ जैसी कंपनियों को अब भारत में काम करने के लिए लाइसेंस की आवश्यकता पड़ सकती है. बिल में ओटीटी को टेलीकॉम सर्विस के साथ शामिल किया गया है. इसके अलावा मंत्रालय ने किसी टेलीकॉम या इंटरनेट प्रोवाइडर कंपनी द्वारा अपना लाइसेंस सरेंडर करने पर फीस रिफंड करने का प्रावधान भी पेश किया है.
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