
नई दिल्ली(New Delhi) । बेंगलुरु (Bengaluru)में एक सरकारी अधिकारी(government officer) ने अपने सीनियर्स के दबाव (pressure from seniors)में सुसाइड (suicide)कर लिया। पुलिस को उसके कमरे से मिले सुसाइड नोट(Suicide note) से पता लगा है कि फर्जी बैंक खाता खुलवाकर निगम की करोड़ों की रकम को उससे ट्रांसफर करवाया जा रहा था। आजिज आकर उसने ऐसा कदम उठाया है। उधर, आत्महत्या के इस मामले को गंभीर बताते हुए भाजपा विधायक ने आरोप लगाया कि इसका निगम में 85 करोड़ की चोरी से लिंक है।
घटना बेंगलुरु के शिवमोग्गा की बताई जा रही है। बेंगलुरु पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, निगम में काम करने वाले 50 साल के सरकारी अधिकारी चंद्रशेखरन पी ने रविवार को अपने घर में आत्महत्या कर दी। वह बेंगलुरु में कर्नाटक महर्षि वाल्मिकी एसटी डेवलपेंट कॉर्प लिमिटेड में काम करता था।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आस-पास के लोगों द्वारा सूचना दिए जाने के बाद टीम ने मौके पर पहुंचकर शव को बरामद किया है। सुसाइड नोट के बाद अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस के अनुसार, मरने वाले चंद्रशेखरन पी ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों के दबाव के चलते ऐसा चरमपंथी कदम उठाया।
सुसाइड नोट में क्या लिखा था
पुलिस की बताई कहानी के मुताबिक, चंद्रशेखरन के कमरे से छह पन्नों का एक नोट मिला है। ऐसा बताया जा रहा है कि संभवत: मरने से पहले उसने इसे लिखा है। नोट में लिखा गया है कि वह पिछले कुछ समय से काफी तनाव में था क्योंकि उसके सीनियर्स अधिकारी उस पर निगम के बैंक खाते से मिलता-जुलता एक और खाता खोलने का दबाव बना रहे थे। इतना ही नहीं उस बैंक खाते में निगम की करोड़ों की रकम डालने का भी प्रेशर डाला जा रहा था।
निगम के खाते से 85 करोड़ की हेरा-फेरी
मामले में शिवमोग्गा के भाजपा विधायक एसएन चन्नबसप्पा ने संवाददाता सम्मेलन में चंद्रशेखरन के ‘नोट’ का हवाला देते हुए कहा कि निगम के विभिन्न खातों में 187.3 करोड़ रुपये का अनुदान था, जिसमें से लगभग 85 करोड़ रुपये अन्य खातों में ट्रांसफर किए गए हैं। उन्होंने मामले में जांच की मांग की है।
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