
नई दिल्ली । इंडिगो (IndiGo) के फ्लाइट्स शेड्यूल (Flight schedule) में 5% की कटौती की जा सकती है और यह संख्या लगभग 110 डेली फ्लाइट्स हैं, जो अन्य एयरलाइनों (Airlines) को दी जा सकती है। यह उन्हीं एयरलाइंस को दी जाएंगी, जिनके पास क्षमता बढ़ाने के संसाधन हैं। सूत्रों के मुताबिक, नाराज सरकार उड़ान रद्द होने से हुई भारी परेशानी के मद्देनजर 5% से शुरू होने वाली कटौती और जरूरत पड़ने पर आने वाले दिनों में एक और 5% की कटौती पर विचार कर रही है। साथ ही अन्य कार्रवाई के विकल्प भी तलशे जा रहे हैं।
इंडिगो संकट के सातवें दिन क्या-क्या हुआ
इंडिगो संकट को लेकर सोमवार को राज्यसभा में नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा, नियमों का उल्लंघन करने वाली एयरलाइन कंपनी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह सभी कंपनियों के लिए उदाहरण होगा। वहीं, संकट के सातवें दिन भी इंडिगो की 500 से अधिक उड़ानें रद्द रहीं।
केंद्रीय मंत्री नायडू ने कहा, सरकार यात्रियों, पायलटों और क्रू की सुरक्षा से समझौता नहीं करेगी। उन्होंने बताया कि उड़ानें रद्द होने का कारण एयरलाइन के भीतर की आंतरिक समस्याएं थीं। इंडिगो को क्रू मैनेजमेंट और रोस्टर को सही तरीके से संभालना चाहिए था। उन्होंने कहा कि इंडिगो के संकट का नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) नियमों से लेना-देना नहीं है। जिन यात्रियों को दिक्कत हुई है, उसकी पूरी जिम्मेदारी तय होगी।
हाईकोर्ट में कल होगी सुनवाई
दिल्ली हाईकोर्ट ने उस याचिका को 10 दिसंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है, जिसमें इंडिगो संकट से प्रभावित यात्रियों को सहायता व टिकट के पैसे वापस करने के लिए केंद्र को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
इंडिगो बोली, तकनीकी वजह से समस्या
इंडिगो ने डीजीसीए द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि उड़ान सेवा प्रभावित होने के पीछे तकनीकी कारणों के साथ फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट से जुड़े नियमों को प्रमुख वजह है।
इंडिगो संकट का एफडीटीएल नियमों से लेना-देना नहीं
केंद्रीय मंत्री राम मोहन नायडू ने बताया कि अप्रैल 2025 में हाईकोर्ट के आदेश के बाद बने नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) के तहत नियमों में कुल 22 दिशा-निर्देश हैं, जिनमें से 15 को 1 जुलाई 2025 से और शेष 7 को 1 नवंबर 2025 से लागू किया गया।
सरकार ने इंडिगो सहित सभी हितधारकों से कई दौर की बातचीत की थी। उन्हें स्पष्ट किया गया था कि सुरक्षा से समझौता किए बिना सभी एयरलाइनों को नियमों का पालन करना होगा। एक नवंबर से एफडीटीएल पूरी तरह लागू होने के बाद डीजीसीए सभी एयरलाइनों से बातचीत कर रहा है।
किराये पर सरकार का नियंत्रण नहीं
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू के बाद केंद्रीय नागर विमानन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने राज्यसभा में बताया कि टीएमयू एयरलाइनों की वेबसाइटों का उपयोग करके मासिक आधार पर 78 चयनित मार्गों पर हवाई किराये की निगरानी करती है।
ऐसा करके, टीएमयू हवाई किराए के स्तर को एयरलाइंस के लिए तय शुल्कों की सीमा के भीतर बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि हवाई किराये पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। एयरलाइंस को अपनी परिचालन आवश्यकताओं के आधार पर हवाई किराये का निर्धारण करने की छूट है।
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