
चंडीगढ़ । कांग्रेस नेता पवन बंसल (Congress leader Pawan Bansal) ने कहा कि सरकार (Government) ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) को प्रचार स्टंट के रूप में इस्तेमाल किया (Used as Publicity Stunt) । पवन बंसल ने भारतीय सैनिकों की बहादुरी को सलाम किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया, देश उनके बलिदान और शौर्य का कर्जदार है।
उन्होंने कहा कि सैनिकों को बार-बार सलाम करना चाहिए। उन्होंने विपक्ष के हंगामे और सरकार के रवैये पर कहा कि विपक्ष लंबे समय से इस मुद्दे पर विशेष सत्र की मांग करता रहा, लेकिन सरकार ने इसे टाला। अब जब नियमित सत्र में चर्चा शुरू हुई, तो सरकार पारदर्शिता के साथ जवाब देने में विफल रही। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से विपक्ष के सवालों का जवाब नहीं दिया जा रहा है, पहलगाम में आतंकवादी कैसे पहुंचे, और इस दौरान सुरक्षा में हुई चूक की जिम्मेदारी क्यों नहीं ली गई। विपक्ष अगर कोई सवाल पूछ रहा है तो उससे सरकार बच क्यों रही है?
बंसल ने यह भी कहा कि पहलगाम हमले के समय ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जरूरी था, और भारतीय सेना ने पाकिस्तान के इरादों को नाकाम करते हुए करारा जवाब दिया। उन्होंने सेना की ताकत और तैयारी की सराहना की, लेकिन सरकार पर इसे प्रचार स्टंट के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उन्होंने महाराष्ट्र के सोलापुर से कांग्रेस की युवा सांसद प्रणीति शिंदे के उस बयान का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा के दौरान इसे तमाशा करार दिया था। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को गंभीरता से लिया जाना चाहिए, न कि राजनीतिक लाभ के लिए।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी के सोशल मीडिया पोस्ट पर पवन बंसल ने प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह अब उन फैसलों का हिस्सा नहीं हैं, जहां यह तय किया जाता है कि सदन में कौन बोलेगा। पहले वह ऐसे निर्णयों में शामिल होते थे, लेकिन अब नहीं। बंसल ने स्पष्ट किया कि उन्हें इस मुद्दे पर कोई स्पष्टीकरण देने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि सदन में डिबेट के दौरान वक्ता तय करने की प्रक्रिया वर्षों से चली आ रही है और हर चीज के कई अर्थ हो सकते हैं, लेकिन वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते।
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