
नई दिल्ली। भारत और ब्रिटेन (India and Britain) के बीच व्यापार समझौते (Trade Agreements) पर हस्ताक्षर हो चुके हैं। अब सरकार देशभर में हितधारकों के साथ बैठक कर लोगों को इस समझौते के बारे में जागरूक करेगी। सरकार अगले 20 दिनों में देश भर में हितधारकों के साथ बैठकें करेगी, कार्यशालाओं, जागरूकता अभियानों और फीडबैक सत्रों सहित 1,000 आउटरीच कार्यक्रम (Outreach Programs) आयोजित करेगी। इस कवायद का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि व्यापार समझौते के अधिकतम लाभ देश के लोगों को मिल सकें।
व्यापार समझौते के लाभों के बारे में जानकारी देने के लिए सरकार की विभिन्न टीमें विभिन्न राज्यों का भी दौरा करेंगी। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल सोमवार को व्यापार समझौते पर चमड़ा और टेक्सटाइल सेक्टर के लोगों के साथ बैठक करेंगे। व्यापार समझौता लागू होने के बाद 99 प्रतिशत भारतीय सामान ब्रिटेन में शुल्क-मुक्त हो जाएगा। इससे कार, सौंदर्य प्रसाधन और व्हिस्की जैसे ब्रिटिश उत्पादों पर भारत में भी शुल्क कम हो जाएगा।इस समझौते का उद्देश्य 2030 तक दोनों देशों के बीच 56 अरब अमेरिकी डॉलर के व्यापार को दोगुना करना है।
भारत ने ब्रिटेन की चॉकलेट, बिस्किट और सौंदर्य प्रसाधनों सहित विभिन्न उपभोक्ता वस्तुओं के लिए अपना बाजार खोल दिया है। वहीं भारत के कपड़ा, फर्नीचर, जूते, रत्न और आभूषण, खेल के सामान और खिलौनों जैसे उत्पादों को ब्रिटेन के बाजार में पहुंच मिलेगी। इसके अलावा, ब्रिटेन में कार्यरत टीसीएस और इंफोसिस जैसी भारतीय कंपनियों को भारत से आने वाले कर्मचारियों के लिए तीन साल तक सामाजिक सुरक्षा अंशदान नहीं करना होगा। समझौते के तहत, ब्रिटेन की स्कॉच व्हिस्की पर भारत में शुल्क 150 प्रतिशत से घटाकर 75 प्रतिशत कर दिया जाएगा और 2035 तक इसे और घटाकर 40 प्रतिशत कर दिया जाएगा। भारत, ऑटोमोबाइल पर भी आयात शुल्क को पांच वर्षों में घटाकर 10 प्रतिशत कर देगा, जो वर्तमान में 110 प्रतिशत दर है।
भारत ने व्यापार समझौते के तहत, घरेलू ऑटोमोटिव उद्योग का भी ख्याल रखा है और विशेष रूप से मध्यम और छोटी कारों और कम कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों की रक्षा करते हुए, ब्रिटिश ऑटो निर्यातकों को केवल बड़े पेट्रोल और डीजल वाहनों और महंगे इलेक्ट्रिक वाहनों पर ही शुल्क में रियायतें प्रदान की हैं। समुद्री उत्पाद (सी फूड), जिन पर वर्तमान में 4.2 प्रतिशत से 8.5 प्रतिशत के बीच कर लगता है, इस समझौते के लागू होने के बाद शुल्क-मुक्त हो जाएंगे। व्यापार समझौते से भारत के टेक्सटाइल क्षेत्र को बड़ा फायदा होगा, जिसकी अब ब्रिटेन के बाज़ार में शुल्क-मुक्त पहुंच होगी। इससे ब्रिटेन के बाजार में भारतीय उत्पादों की कीमत कम होगी और भारतीय टेक्सटाइल उत्पादों को बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद है।

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