
नई दिल्ली: भारत (India) में तेजी से बढ़ते जा रहे धोखाधड़ी के मामलों (Fraud Cases) पर लगाम कसने के लिए दूरसंचार विभाग ने लगभग 3 से 4 लाख सिम कार्ड्स को बंद कर दिया है. इन सिम कार्ड्स का इस्तेमाल फ्रॉड के लिए किया जा रहा था, भारत सरकार स्पैम/घोटाले और धोखाधड़ी से निपटने के लिए अब सख्त हो गई है. SIM Card जारी करने के नियमों को भी कड़ा कर दिया गया है और साथ ही ठगी करने वालों की पहचान और अधिक निगरानी के लिए सर्विलांस सिस्टम भी लागू हो गया है.
मई 2025 में जारी किए गए फाइनेंशियल रिस्क इंडिकेटर (Financial Risk Indicator) के आंकड़ों के मुताबिक, वित्तीय घोटालों में शामिल प्रतिदिन 2 हजार सिम कार्ड को पकड़ा जा रहा है. धोखाधड़ी का पता लगाने, उनसे निपटने और सिम कार्ड्स की पहचान के लिए AI बेस्ड तकनीक का सहारा लिया जाता है.
UPI के आने से लेन-देन आसान हो गया है लेकिन धोखेबाजों ने इसे लोगों से पैसे ऐंठने के लिए इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है, यही वजह है कि भारत के सभी बैंकों को पहले ही अपने सिस्टम में फाइनेंशियल रिस्क इंडीकेटर लगाने की सलाह दी जा चुकी है. ये इंडीकेटर मोबाइल नंबर की पहचान कर उन्हें लो, मीडियम और हाई रिस्क कैटेगरी में डालता है.
रिपोर्ट के मुताबिक, इससे धोखाधड़ी वाले अकाउंट्स पर कार्रवाई करने में लगने वाले समय को कम करने में मदद मिली है. फाइनेंशियल रिस्क इंडीकेटर का इस्तेमाल कर वित्तीय संस्थान और बैंक धोखाधड़ी वाले लेनदेन को रोकने में सक्षम हैं. दूरसंचार कंपनियां भी अपने नेटवर्क लेयर में सुरक्षा बढ़ा रही हैं ताकि लोगों को फ्रॉड से बचाया जा सके.
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