नई दिल्ली। लिए रसद सामग्री लेकर जा रहीं स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) मिस्र के तट पर पहुंच गई हैं। मेडलीन नामक जहाज (Ship named madeleine) पर सवार ग्रेटा और उनके 11 साथी इजरायल की चेतावनी के बाद भी लगातार अपनी मंजिल की ओर बढ़ते जा रहे हैं। हालांकि उनके इस अभियान में तमाम दिक्कतें भी सामने आ रही हैं। इजरायल की तरफ से कहा गया है कि वह ग्रेटा थनबर्ग और उनके साथियों को गाजा की सीमा में घुसने नहीं देगी और अगर उन्होंने जबरदस्ती करने की कोशिश की तो उन्हें हिरासत में भी लिया जा सकता है। इजरायली सेना की इस धमकी के बाद ग्रेटा और उनके साथियों ने ब्रिटेन और अमेरिका समेत कई मानवाधिकार संगठनों से मदद की गुहार लगाई है।
एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक इस अभियान के आयोजकों ने कहा कि ग्रेटा थनबर्ग और उनका पूरा दल बिल्कुल सही तरीके के अपने गंतव्य की तरफ आगे बढ़ रहा है। वहीं जर्मन मानवाधिकार कार्यकर्ता यासमीन अकार ने बताया, “हम अब मिस्र के तट से दूर जा रहे हैं। हम सभी ठीक हैं।
इसके अलावा आयोजकों ने एक तस्वीर को साझा करते हुए गाजावासियों को ईद की बधाई भी दी। उन्होंने लिखा, “इस ईद हमारा दिल फिलिस्तीनी लोगों के साथ है। आप सभी भी स्वतंत्रता, शांति और खुशहाल तरीके से अपना जीवन जीने और ईद मनाने का हक है। जल्दी ही एक दिन गाजा में भी शांति और खुशी के साथ ईद मनाई जाएगी.. और तब तक हम नहीं रुकेंगे।
फ्रीडम फ्लोटिला गठबंधन की तरफ से जा रहे मेडलीन नामक इस जहाज ने 1 जून से इटली के सिसली बंदरगाह से अपनी यात्रा की शुरुआत की थी। इस अभियान का लक्ष्य गाजा में पिछले 90 दिनों से जारी इजरायली नाकाबंदी को तोड़ना है। रिपोर्ट्स के मुताबिक थनबर्ग अपने साथ में गाजा वासियों की जरूरत का सामान लेकर जा रही हैं। इसमें दूध, प्रोटीनबार, बेबी फॉर्मूला, डायपर, आटा, चावल, पानी फिल्टर शामिल हैं।
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