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हाथ रिक्शा बंद, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आदमी को आदमी खींचे… बर्दाश्त नहीं

August 08, 2025

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) के एक मामले में हाथ रिक्शा चलाए (Hand rickshaws) जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज के आधुनिक दौर में जहां यातायात के तमाम साधन मौजूद हैं, ऐसे में हाथ रिक्शा चलाना आदमी को आदमी खींच रहा है, कैसे बर्दाश्त किया जाए। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गवाई की बेंच ने महाराष्ट्र के हिल स्टेशन माथेरान में आज से हाथ से खींचे जाने की परंपरा को तुरंत बंद करने के निर्देश देते हुए कहा कि आजादी के 78 साल बाद इस प्रथा को अनुमति देना संवैधानिक वादों के साथ विश्वासघात है। कोर्ट ने कहा कि हाथ रिक्शों के विकल्प के रूप में ई-रिक्शा एक बेहतर और मानवीय विकल्प हो सकते हैं।


सरकार हाथ रिक्शा चालकों के लिए पुनर्वास की योजना बनाए
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हाथ रिक्शा की प्रथा बंद करने से इस पर निर्भर लोगों की आजीविका के लिए पुनर्वास की योजना बनाएं, ताकि वे रोजगार से वंचित न रहें।

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