
लखनऊ। देश विरोधी संगठन (Anti-National Organization) बनाकर पाकिस्तान के लिए जासूसी (Spying for Pakistan) करने वाले दोनों आरोपितों हारुन व मो. तुफैल ने रिमाण्ड अवधि में कई राज उगले हैं। हारुन से यह जानने में एटीएस (ATS) लगी रही कि पाक दूतावास (Pak Embassy.) में तैनात मुजम्मिल किन लोगों को रुपये दिलवाता था। साथ ही यह भी पता किया गया कि किन-किन स्थानों की उससे गोपनीय जानकारियां मांगी गई थी। किसके कहने पर उसने फोटो उपलब्ध कराई थी। हारुन व तुफैल इस समय रिमाण्ड पर एटीएस के पास है।
एटीएस ने रिमाण्ड के दूसरे दिन गुरुवार को काफी देर तक यह जानने की कोशिश की कि मुजम्मिल हुसैन ने कितने लोगों को वीजा करवाया था। मुजम्मिल बताता था किसे रुपए देनें हैं। वह लोग क्या कहकर युवकों को बरगलाते थे। हारुन अक्सर पाकिस्तान आता-जाता रहता था। वहां उसके कई रिश्तेदार रहते थे, इसलिए किसी को उस पर शक नहीं होता था। उसने मुजम्मिल के कहने पर ही कई संवेदनशील स्थानों की फोटो उन्हें भेजी। इसके अलावा कई अन्य गोपनीय जानकारियां भी उसने मुजम्मिल से साझा की। हारुन ने एटीएस को बताया कि वह देश के कई इलाकों में भी गया। इस दौरान कई लोगों से मिला। तुफैल से एटीएस अफसरों ने उन 600 पाकिस्तानी नम्बरों के बारे में बात की जिन पर वह अक्सर अपने आकाओं के सम्पर्क में रहता था।
नफीसा के सम्पर्क में आने पर कई जानकारी साझा की
तुफैल से एटीएस अफसरों ने पूछा कि वह पाकिस्तान सेना की कर्मचारी नफीसा के सम्पर्क में कैसे आया। इस पर उसने कहा कि फेसबुक के जरिए वह नफीसा से बात करने लगा था। नफीसा ने उसे खुद को यूपी का बताया था। उसके कहने पर ही उसने कई जानकारियां उसे भी साझा की थी। नफीसा से कैसे सम्पर्क करता था, इस बारे में उसने कई राज खोले। इसी आधार पर एटीएस अब आगे की पड़ताल कर रहा है।
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