
चंडीगढ़ । हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने सेवा का अधिकार अधिनियम (Right to Service Act) में संशोधन किया (Amended) । हरियाणा सरकार ने अपने नागरिकों को समयबद्ध सेवाएं सुनिश्चित करने की दिशा में यह बड़ा कदम उठाया है ।
अब यदि पदनामित अधिकारी या शिकायत निवारण प्राधिकारी निर्धारित समयावधि में आवेदन या अपील पर निर्णय नहीं करते हैं तो सेवा का अधिकार आयोग ऐसे मामलों में स्वतः संज्ञान ले सकेगा। आवेदन या अपील के निपटान में अनुचित विलंब पाए जाने पर आयोग उपयुक्त आदेश पारित कर सकेगा। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, हरियाणा सेवा का अधिकार नियम, 2014 के नियम 9 को प्रतिस्थापित करते हुए एक नया प्रावधान जोड़ा गया है। ये नियम ’हरियाणा सेवा का अधिकार (संशोधन) नियम, 2025’ कहे जाएंगे।
यदि किसी अधिसूचित सेवा का लाभ उठाने के लिए आवेदन करने से पहले ही संबंधित मामला किसी न्यायालय या संबंधित विभाग के पुनरीक्षण प्राधिकारी के समक्ष लंबित है, तो उस स्थिति में आयोग अधिनियम की धारा 17 के तहत पदनामित अधिकारी या प्रथम अथवा द्वितीय शिकायत निवारण प्राधिकारी के विरुद्ध तब तक अपनी शक्तियों का प्रयोग नहीं करेगा, जब तक कि न्यायालय या पुनरीक्षण प्राधिकारी द्वारा अंतिम निर्णय नहीं दिया जाता।
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