
भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) हाईकोर्ट (High Court) ने ड्यूटी (Duty) के दौरान पुलिसकर्मियों (Policemen) के मोबाइल (Mobile) और सोशल मीडिया के अत्यधिक इस्तेमाल पर गंभीर चिंता जताई है. अदालत ने कहा कि अगर पुलिसकर्मी ड्यूटी के समय मोबाइल या सोशल मीडिया में व्यस्त रहते हैं तो यह न सिर्फ अनुशासनहीनता है, बल्कि सुरक्षा और सतर्कता पर भी सीधा असर डालता है. हाईकोर्ट ने राज्य पुलिस विभाग (State Police Department) को निर्देश दिए कि इस पर स्पष्ट नीति बनाई जाए. खासकर गार्ड ड्यूटी, कोर्ट ड्यूटी और वीआईपी सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण कार्यों के दौरान निजी मोबाइल उपयोग पर पूरी तरह नियंत्रण हो.
कोर्ट ने यह भी सुझाव दिया कि पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों पर विशेष कार्यशालाएं आयोजित की जाएं, जिससे जवानों को ड्यूटी के दौरान मोबाइल इस्तेमाल के खतरों के बारे में जागरूक किया जा सके. साथ ही, गाइडलाइन में यह प्रावधान किया जाए कि आपात स्थितियों को छोड़कर ड्यूटी के दौरान मोबाइल का निजी इस्तेमाल प्रतिबंधित हो. हाल ही में पुलिसकर्मियों द्वारा रील बनाने और सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने से विभाग भी परेशान बताया गया.
हाई कोर्ट के सीनियर एडवोकेट अवधेश तोमर ने कहा, ”मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के ग्वालियर खंडपीठ ने एक आदेश पारित किया है जिसमें ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों द्वारा सोशल मीडिया पर रील बनाए जाने, और ड्यूटी के दौरान सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर नियम बनाने का जिक्र किया गया है. कोर्ट का मानना है कि ड्यूटी के दौरान सोशल मीडिया की वजह से पुलिस कर्मियों का ध्यान भटकता है, लिहाजा इसको लेकर प्रदेश के DGP को ड्यूटी के दौरान सोशल मीडिया इस्तेमाल और रील बनाने वाले पुलिस कर्मियों के लिए नियम बनाने को लेकर निर्देशित किया गया है.
इधर, भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा ने हाईकोर्ट के आदेश पर कहा, ”सोशल मीडिया आज समाज और अपराध दोनों पर गहरा असर डाल रहा है. पुलिसकर्मियों को बार-बार निर्देशित किया जाता है कि वे ड्यूटी के समय सोशल मीडिया का इस्तेमाल न करें और ऐसी कोई सामग्री न डालें जिससे पुलिस की छवि धूमिल हो.”
कमिश्नर ने स्पष्ट किया कि इस तरह के मामलों में तुरंत कार्रवाई की जाती है. उन्होंने यह भी माना कि कुछ पुलिसकर्मियों को मोबाइल और रील्स बनाने की आदत पड़ जाती है, जिससे वे शारीरिक रूप से मौजूद होते हुए भी मानसिक रूप से ड्यूटी से भटक जाते हैं. इसलिए लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं कि अनावश्यक सोशल मीडिया उपयोग से बचें.
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