
नई दिल्ली । बेंगलुरु (Bengaluru) की एक अदालत (court) ने जनता दल (सेक्युलर) के विधायक और पूर्व मंत्री एचडी रेवन्ना (HD Revanna) को 2024 में दर्ज यौन उत्पीड़न मामले (Sexual harassment case) में सोमवार को बरी कर दिया। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के एन शिवकुमार ने हासन जिले के होलेनारसीपुर टाउन थाने में दर्ज मामले में रेवन्ना को बरी किया।
अदालत ने कहा, ‘आरोपी नंबर एक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354ए (यौन उत्पीड़न) के तहत शिकायत दर्ज कराने या अभियोजन शुरू करने में हुई देरी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। लिहाजा अदालत आरोपी नंबर 1 के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354ए के तहत दर्ज दंडनीय अपराध मामले का संज्ञान लेने से इनकार करती है।’
अदालत ने कहा, ‘इस प्रकार, आरोपी नंबर 1 को इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 354ए के तहत लगाए गए आरोप से बरी किया जाता है।’
इससे पहले, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अपने खिलाफ मामला रद्द करने की रेवन्ना की याचिका सुनवाई के बाद यह विचार करने के लिए निचली अदालत को भेज दी थी कि शिकायत दर्ज कराने में हुई चार साल की देरी को माफ किया जा सकता है या नहीं।
रेवन्ना के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप तब सामने आए थे जब उनके बेटे और हासन के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ बलात्कार व यौन शोषण के कई मामले दर्ज किए गए।
प्रज्वल रेवन्ना मामले में शिकायतकर्ताओं में से एक महिला ने पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के बेटे एच डी रेवन्ना पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। प्रज्वल रेवन्ना को उसके खिलाफ दर्ज चार यौन शोषण व बलात्कार के एक मामले में पहले ही दोषी ठहराया जा चुका है।
सुप्रीम कोर्ट से लगा था झटका
11 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने प्रज्वल रेवन्ना की बेंगलुरु की विशेष सांसद/विधायक अदालत में जारी दो आपराधिक मामलों की सुनवाई को शहर की किसी अन्य अदालत में स्थानांतरित करने की याचिका खारिज की थी। प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने रेवन्ना के वकील से कहा कि न्यायाधीश की टिप्पणियां पक्षपात का आधार नहीं हो सकतीं।
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