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व्हाइटनर लगाकर मां का नाम जोड़ा और धोखे से मकान अपने नाम करवा लिया

July 30, 2025

  • फर्जी रजिस्ट्री कांड… हर दिन एक-दो नए आवेदक पहुंच रहे
  • रजिस्ट्रार कार्यालय के दस्तावेजों में छेड़छाड़ के आवेदकों की संख्या बढऩे लगी, पहुंच रही शिकायतों की जांच हो रही

इंदौर। कलेक्टर कार्यालय (Collectorate Office) में सुदामा नगर (Sudama Nagar)  निवासी अजय जगदीशचंद्र चतुर्वेदी (Ajay Jagdishchandra Chaturvedi) के पिता द्वारा खरीदे गए मकान पर फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कराने की शिकायत दर्ज कराई गई है। मूल रजिस्ट्री में व्हाइटनर (whitener) लगाकर उनकी मां का नाम जोड़ा गया और फर्जी हस्ताक्षर करवाकर मकान अपने नाम करवा लिया गया।



रजिस्ट्रार कार्यालय के मूल दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर नाम बदलने, अवैध रूप से रजिस्ट्री कराने जैसे दो दर्जन से अधिक मामलों के बाद भी आंकड़ा थम नहीं रहा है। हर दिन कलेक्टर कार्यालय सहित रजिस्ट्रार के समक्ष 2 से 3 शिकायतें पहुंच रही हैं, जिनकी जांच कर एफआईआर में दर्ज प्रकरणों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। अपर कलेक्टर गौरव बैनल के समक्ष शिकायत करने पहुंचे अजय चतुर्वेदी ने बताया कि सुदामा नगर के बिल्डर राकेश पिता सदाशिव कोतो ने उनकी मूल रजिस्ट्री में व्हाइटनर लगाकर मां का नाम दर्ज कराया और फर्जी साइन कराकर मकान अपने नाम करवा लिया। इस बात का खुलासा बिल्डर के नाम का बिजली बिल आने के बाद हुआ। उनके द्वारा गलत नाम के बिल की शिकायत बिजली बिल विभाग को की गई तो उन्होंने बताया कि यह मकान उक्त व्यक्ति ने खरीद लिया है। ज्ञात हो कि रजिस्ट्रार कार्यालय में शिकायतकर्ताओं की संख्या अचानक बढ़ गई है। इस तरह के कई मामले पिछले दो दिन में कलेक्टर और पंजीयक कार्यालय के सामने आए हैं। रजिस्ट्री में काट-छांट के साथ ही व्हाइटनर लगाकर बदलाव करने, अंगूठा, फोटो इत्यादि को लेकर शिकायत पहले से ही सामने आ रही है। अब कुछ मामले ऐसे भी आए हैं, जिनमें रजिस्ट्री के बीच के पन्ने बदलकर छेड़छाड़ की गई है। उक्त सभी शिकायती आवेदनों को भी पुलिस कार्रवाई में जोडऩे के लिए विभाग अपने दस्तावेजों का परीक्षण करवा रहा है।

6 बार निकाली फोटोकॉपीमूल प्रति ने होश उड़ाया
अजय ने बताया कि छह बार रजिस्ट्रार कार्यालय से फोटोकॉपी निकालने पर भी फर्जीवाड़ा समझ नहीं आया। मूल दस्तावेज देखने पर पिता के नाम पर व्हाइटनर लगाकर मां का नाम चढ़ाया गया है। आवेदक द्वारा अन्नपूर्णा थाने, सीएसपी कार्यालय से लेकर कोर्ट में भी प्रकरण दर्ज कराया गया है। मालूम हो कि हाल ही में जांच के बाद सामने आए लगभग 25 फर्जी रजिस्ट्री मामले में कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर उपपंजीयक प्रदीप निगम ने थाना पंढरीनाथ में एफआईआर दर्ज कराई है। इसमें सभी रजिस्ट्री और उनसे जुड़े दस्तावेज लेकर पुलिस आरोप और आरोपी की भूमिका तय करेगी। फोरेंसिक जांच के माध्यम से देखा जाएगा कि उक्त रजिस्ट्री कब बनाई गई है, क्या उपयोग किया गया? कागज किस अवधि का है? सील, स्याही, बाइंडिंग, फोटोकॉपी, गोंद इत्यादि कब के हैं? यह देखा जाएगा। सभी फर्जी रजिस्टर जब्त करने के साथ ही पुलिस यह देखेगी कि उक्त रजिस्ट्री की प्रमाणित प्रति किसने निकाली? प्रमाणित प्रति के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति कौन-कौन थे? उसका उपयोग किसके द्वारा किया गया? उक्त रजिस्ट्री के आधार पर नामांतरण और बैंक ऋण किसके द्वारा लिया गया है? इस कार्य में सहयोग करने वाले एजेंट तथा कार्यालय के कर्मचारियों की भूमिका भी जांच के घेरे में रहेगी। उक्त सभी जांच के बाद आरोप और आरोपी तय होंगे।

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