
बेंगलुरु: बेंगलुरु (Bengaluru) में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर (Software Engineer) के साथ हुआ फर्जीवाड़ा (Fraud) शहर में चर्चा का बड़ा विषय बन गया है. कैपजेमिनी में कार्यरत इस इंजीनियर को सेक्सुअल हेल्थ (Sexual Health) की समस्या का समाधान दिलाने का झांसा देकर आयुर्वेदिक उपचार (Ayurvedic Treatment) के नाम पर 48 लाख रुपये से अधिक की ठगी कर ली गई. इलाज के दावे न केवल झूठे निकले, बल्कि कथित आयुर्वेदिक दवाओं ने उनकी सेहत को भी गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया और उनकी किडनी तक खराब हो गई.
कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले के रहने वाले इंजीनियर की 2023 में शादी हुई थी. शादी के बाद कुछ निजी स्वास्थ्य समस्याओं से परेशान थे. ये समस्या देखते ही देखते उनके दिमाग में घर कर गई. वो बहुत ज्यादा परेशान रहने लगे. इसके निवारण के लिए उन्होंने केन्गेरी के एक मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल में इलाज कराया. लेकिन उन्हें कुछ खास फायदा नहीं दिखा. हालांकि इलाज उस समय जारी था, तभी उन्हें मई 2025 में राह चलते केएलई लॉ कॉलेज के पास लगा एक आयुर्वेदिक टेंट दिखा. इस पर ‘त्वरित समाधान’ की बात लिखी थी.
वो टेंट में दाखिल हुए तो वहां उन्हें विजय गुरुजी नाम का व्यक्ति मिला. उसने खुद को आयुर्वेदिक उपचार विशेषज्ञ बताया. उसने दावा किया कि दुर्लभ जड़ी-बूटियों और विशेष तेलों से वह मरीज की समस्या हमेशा के लिए खत्म कर सकता है. उपचार के नाम पर गुरुजी ने उन्हें यशवंतपुर स्थित एक दुकान से देवरज बूटी नामक दवा खरीदने को कहा. इस बूटी की कीमत 1.6 लाख रुपये प्रति ग्राम बताई गई.
इंजीनियर ने भरोसे में आकर दवा खरीद ली. इसके बाद भावना बूटी तैला नामक एक और दवा बताई गई. इसकी कीमत 76,000 रुपये प्रति ग्राम थी. इस तेल की 15 ग्राम मात्रा खरीदने के लिए इंजीनियर को पत्नी व परिवार से उधार लेना पड़ा. इसके बाद 17 लाख में उन्होंने ये तेल भी खरीद लिया. तंबू वाले गुरुजी इलाज करते करते एक और ‘जरूरी दवा’ को लेने के लिए दबाव बनाया और कहा कि देवरज रस बूटी नाम की दवा लेनी होगी. इसकी कीमत 2.6 लाख रुपये प्रति ग्राम बताई गई. इंजीनियर ने इसके लिए बैंक से 20 लाख का लोन लिया और दोस्तों से पैसा उधार लेकर लगभग 10 लाख रुपये में यह दवा भी खरीद ली.
इन महंगी दवाओं को लेने के बाद भी स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हुआ. उल्टा, कुछ दिनों बाद जांच में पता चला कि उनकी किडनी खराब होने लगी है. डॉक्टरों के अनुसार, यह नुकसान उन दवाओं के सेवन से हुआ होगा, जो उन्हें बेची गई थीं. जब इंजीनियर ने शिकायत करने की कोशिश की, तो गुरुजी ने उन्हें धमकाया कि इलाज छोड़ने पर हालत और बिगड़ जाएगी. आखिरकार, पीड़ित ने हिम्मत जुटाकर ज्ञानभारती पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई.
इस ठगी में शामिल मुख्य आरोपी विनय बताया जा रहा है, जो फिलहाल फरार है. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की तलाश जारी है. जांच में यह भी सामने आया है कि यह पूरा गैंग लोगों की निजी कमजोरियों का फायदा उठाकर लाखों रुपये ठगने का काम करता था.
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