
ढाका. बांग्लादेश (Bangladesh) का इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (ICT) रविवार को पूर्व प्रधानमंत्री (former PM) शेख हसीना (Sheikh Hasina) के खिलाफ आरोपों की आधिकारिक सुनवाई (Hearing) शुरू करेगा. देश के इतिहास में पहली बार इस कार्यवाही का सरकारी चैनल बीटीवी पर सीधा प्रसारण होगा. हसीना को पिछले वर्ष 5 अगस्त को कोटा सिस्टम के खिलाफ शुरू हुए छात्र आंदोलन के हिंसक होने के बाद देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था. वह बांग्लादेश छोड़कर भारत में शरण लेने पहुंची थीं और फिलहाल यहीं रह रही हैं. वह बांग्लादेशी अदालतों में कई मामलों का सामना कर रही हैं, जहां अब तक मुकदमे की फोटोग्राफी और लाइव टेलीकास्ट पर प्रतिबंध लगा हुआ है.
हालांकि, बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT-BD) द्वारा हसीना के मामले में कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग की अनुमति देने के निर्णय से यह परंपरा टूट जाएगी. पूर्व पीएम शेख हसीना के खिलाफ लगाए गए आरोपों के लिए उन्हें मृत्युदंड तक का सामना करना पड़ सकता है. तीन न्यायाधीशों वाले न्यायाधिकरण ने इससे पहले 18 फरवरी को आदेश दिया था कि हसीना के खिलाफ जांच अप्रैल तक पूरी की जाए. बांग्लादेश की सरकारी न्यूज एजेंसी बीएसएस (बांग्लादेश संवा संस्था) की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘जुलाई-अगस्त 2024 के जन विद्रोह के दौरान मानवता के खिलाफ किए गए अपराधों पर दर्ज मामले में अभियोजन पक्ष कल आईसीटी-बीडी में अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ औपचारिक आरोप प्रस्तुत करेगा.’
आईसीटी-बीडी के चीफ प्रॉसिक्यूटर मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने कहा कि न्यायाधिकरण पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व पुलिस प्रमुख चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून के खिलाफ आरोपों की एक साथ सुनवाई करेगा, दोनों ही मुकदमे के लिए जेल में हैं. इस न्यायाधिकरण का गठन मूलतः पिछली सरकार द्वारा 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सैनिकों के कट्टर सहयोगियों पर मुकदमा चलाने के लिए किया गया था. बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी के छह शीर्ष नेताओं और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के एक नेता को इस अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद फांसी पर लटका दिया गया.
आईसीटी-बीडी ने पहले हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, जबकि अंतरिम सरकार ने राजनयिक नोट में भारत से उनके प्रत्यर्पण की मांग की थी. नई दिल्ली ने केवल राजनयिक नोट प्राप्त होने की बात स्वीकार की है, आगे कोई टिप्पणी नहीं की है. पिछले साल जुलाई-अगस्त में हुई हिंसा के दौरान प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए सामूहिक हत्या जैसे आरोपों का सामना करने के लिए शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग और सरकार के अधिकांश वरिष्ठ नेताओं और अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें छात्रों और पुलिसकर्मियों सहित सैकड़ों लोग मारे गए थे. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार पिछले वर्ष 15 जुलाई से 15 अगस्त के बीच बांग्लादेश में लगभग 1,400 लोग मारे गए और हसीना सरकार के पतन के बाद भी हिंसा जारी रही.
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