
औरंगाबाद। महाराष्ट्र के मराठवाड़ा इलाके में भारी वर्षा से बुरा हाल है। क्षेत्र के कई जिलों के गांवों में डूब के हालात पैदा हो गए हैं। औरंगाबाद के मंजारा बांध के कैचमेंट क्षेत्र में भी भारी वर्षा होने से बांध के सारे गेट खोलने पड़े। इस कारण बीड़ व लातूर जिलों के कई गांवों में अलर्ट जारी किया गया है।
उधर, यवतमाल में एक बस बहने की खबर है। हादसे में एक की मौत हो गई, जबकि तीन लापता हैं। लातुर में स्थानीय प्रशासन व एनडीआरएफ की टीमें राहत व बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। सारसा गांव में 47 फंसे लोगों को निकालने का काम जारी है। मंजारा बांध से छोड़े गए पानी से सारसा गांव में बाढ़ आ गई है।
158 गांव में बाढ़ का अंदेशा
लातूर के कलेक्टर पृथ्वीराज बीपी ने बताया कि मंजारा बांध से छोड़े गए पानी के कारण जिले के 158 गांवों में बाढ़ का खतरा पैदा हो सकता है। उन्होंने कहा कि हम हालात पर नजर रखे हुए हैं। मंजारा नदी के किनारे बसे गांवों व तेरना व मंजारा नदियां जहां मिलती हैं, वहां के हालात पर खासतौर से नजर रखी जा रही है।
बीड़ में कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा
उधर, बीड़ जिले में कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। सोमवार रात हुई भारी वर्षा के कारण बीड़ के मंजारा व माजलगांव बांध पूर्ण क्षमता तक भर गए हैं। इस कारण स्थानीय प्रशासन ने मंगलवार सुबह मंजारा बांध के सभी 18 गेट खोल दिए हैं। इनसे 78,397 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इस कारण बीड़ जिले के काइज व अंबाजोगई तालुका के गांवों में बाढ़ आ गई है।
बस के लापता लोगों में ड्राइवर-कंडक्टर भी
यवतमाल में नांदेड से नागपुर की ओर जा रही रोडवेज बस नाले में बह गई। घटना दहागांव के पास हुई। हादसे में ड्राइवर और कंडक्टर सहित तीन लोग लापता हैं। जबकि एक शख्स की मौत हो गई है। दो यात्रियों को बचा लिया गया। ये दोनों नागपुर के रहने वाले थे। टिकट मशीन के जीपीएस ट्रैकिंग के अनुसार बस में छह यात्री सवार थे।
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