
डेस्क: भारत मौसम विज्ञान विभाग ने मंगलवार (20 मई) को बेंगलुरु के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया, जिसका अर्थ है कि अगले 24 घंटों में शहर में 11 सेमी से 20 सेमी तक की बहुत भारी बारिश हो सकती है. इसके साथ ही राज्य के कई अन्य जिलों के लिए ‘येलो अलर्ट’ भी जारी किया गया है, जहां 6 सेमी से 11 सेमी तक बारिश की संभावना जताई गई है.
IMD बेंगलुरु के निदेशक एन. पुवियारसु ने स्पष्ट किया कि यह अलर्ट केवल भारी वर्षा के पूर्वानुमान को लेकर नहीं, बल्कि शहरी ढांचे की संवेदनशीलता को देखते हुए जारी किया गया है. बेंगलुरु जैसे शहरों में अत्यधिक कंक्रीट निर्माण और जल निकासी के ब्लॉक रास्ते बारिश को और घातक बना सकते हैं. बारिश ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सामान्य है, लेकिन शहरों में इससे जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. इसलिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ समय रहते चेतावनी देने और तैयारी के लिए जारी किया जाता है.
बेंगलुरु शहरी, बेंगलुरु ग्रामीण, बेलगाम, बागलकोट, चिक्कबल्लापुरा, धारवाड़, गडग, कोप्पल, कोलार और विजयनगर जिले बारिश से सबसे अधिक प्रभावित हो गए हैं. मंगलवार तक बारिश से संबंधित घटनाओं में 5 लोगों की जान जा चुकी है. इसमें बीटीएम लेआउट में 63 वर्षीय और 12 वर्षीय बच्चे की मौत की बिजली के झटके के वजह से हो गई. महादेवपुरा में एक सॉफ्टवेयर कंपनी की हाउसकीपिंग स्टाफ शशिकला की दीवार गिरने से मौत हो गई, जबकि रायचूर और कारवार में बिजली गिरने से दो और लोगों की मौत हो गई. इस प्रकार, इन घटनाओं ने यह साबित कर दिया कि सिर्फ जलजमाव ही नहीं, बल्कि अप्रत्याशित दुर्घटनाएं भी इस मौसम में जानलेवा हो सकती हैं.
बेंगलुरु में जलभराव वर्षों से चिंता का विषय रहा है. उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने कहा कि 210 flood prone क्षेत्रों की पहचान की गई है, जिनमें से 166 में पहले ही सुधार कार्य पूरे हो चुके हैं. बाकी 44 क्षेत्रों में भी कार्य प्रगति पर है. उन्होंने बताया कि सरकार ने अब तक 197 किलोमीटर लंबे स्टॉर्म वॉटर ड्रेन (जल निकासी नाले) बनाए हैं और इस योजना पर 2,000 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है. उनका यह भी कहना है कि हम नियंत्रित करने योग्य चीजों को नियंत्रित कर रहे हैं.
शहर की सड़कों पर जलभराव और ट्रैफिक जाम ने IT सेक्टर को भी प्रभावित किया है. भाजपा सांसद पीसी मोहन ने Infosys सहित शहर की प्रमुख IT कंपनियों से निवेदन किया है कि वे कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की अनुमति दें ताकि ट्रैफिक और जोखिम से बचा जा सके. बेंगलुरु जिसे भारत की ‘सिलिकॉन वैली’ कहा जाता है, वहां इस तरह की मौसमीय आपात स्थिति से डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर भी प्रभावित हो सकता है.
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बताया कि बेंगलुरु में 104 मिमी बारिश दर्ज की गई जो अनुमान से अधिक थी. उन्होंने घोषणा की कि महादेवपुरा में दुर्घटना में मृत हुई शशिकला के परिवार को ₹5 लाख का मुआवजा दिया जाएगा. 21 मई को मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री मिलकर पूरे शहर का निरीक्षण करने वाले हैं ताकि सुधार कार्य की प्रगति का मूल्यांकन किया जा सके.
बेंगलुरु के रिचमंड टाउन के निवासी, 43 वर्षीय दिव्य किरण ने ब्रुहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) को एक कानूनी नोटिस भेजा है. उन्होंने मांग की है कि उन्हें ₹50 लाख का मुआवज़ा दिया जाए, जो उन्हें शहर की खस्ताहाल सड़कों के कारण हुई शारीरिक और मानसिक पीड़ा का सामना करना पड़ा है. किरण का दावा है कि उन्हें गर्दन और पीठ में गंभीर दर्द हुआ है, जिसके लिए उन्होंने पांच बार ऑर्थोपेडिक डॉक्टरों से परामर्श लिया और चार बार अस्पताल के चक्कर काटे हैं. उनका तर्क है कि यह सबकुछ टूटी और झटकों से भरी सड़कों पर नियमित यात्रा के कारण हुआ है.
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