img-fluid

Hero Rats : अब आपदा में फंसे पीड़ितों की जान बचाएंगे चूहे, अफ्रीका के वैज्ञानिक दे रहे खास ट्रेनिंग

June 09, 2022

तंजानिया । भूकंप (earthquake) के दौरान मलबे में फंसे लोगों को निकालना कभी-कभी रेस्क्यू टीम (rescue team) के लिए भी असंभव होता है। लेकिन अब इस काम को संभव करने के लिए वैज्ञानिकों (scientists) ने चूहों (rats) की एक स्पेशल टीम (special team) तैयार की है। जो आपदा के दौरान मलबे में घुसकर दबे लोगों की लोकेशन पता करेंगे और उनका वीडियो बनाकर टीम तक पहुंचाएंगे।

दरअसल, तंजानिया की एक वैज्ञानिक डॉ. डोना कीन ने ऐसा सिस्टम तैयार किया है, जिसे एक बैग की मदद से इन चूहों की पीठ पर लादा जाएगा। इस बैग में माइक्रोफोन, वीडियो डिवाइस और लोकेशन ट्रैकर रखा जाएगा। इन चीजों के जरिये बचाव कर्मी मलबे में फंसे लोगों से संपर्क कर पाएंगे। इसके साथ ही उनकी लोकेशन का पता लगाकर उनकी जान बचा पाएंगे। इसके लिए अफ्रीका के वैज्ञानिकों और अपोपो नाम की एक एनजीओ चूहों को ट्रेनिंग देने का काम कर रही है।


सात चूहों को दी जा चुकी है ट्रेनिंग
इस प्रोजेक्ट के लिए अब तक सात चूहों ने ट्रेनिंग पूरी कर ली है। इन चूहों ने बड़ी होशियारी के साथ केवल दो हफ्ते के भीतर सारा काम सीख लिया है। ट्रेनिंग के लिए चुने गए ये चूहे अफ्रीका में मिलने वाली पाउच्ड रैट्स प्रजाति के हैं। इन्हें ‘हीरो रैट्स’ के नाम से बुलाया जाता है। इनमें अन्य चूहों की तुलना में तेजी से सीखने व सूंघने की क्षमता अधिक है।

ट्रेनिंग पूरी होने के बाद तुर्की जाएंगे ‘हीरो रैट्स’
डॉक्टर कीन के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट के लिए कुल 170 चूहों को ट्रेनिंग दी जा रही है। ट्रेनिंग पूरी होने पर इन्हें सर्च और रेस्क्यू टीम के साथ काम करने के लिए तुर्की भेजा जाएगा। जहां से अक्सर भूकंप के मामले सामने आते रहते हैं।

टीबी जैसी बीमारियों से भी बचाएंगे
डॉ. कीन कहती हैं कि चूहों का नाम बेमतलब ही खराब है। लोग इन्हें गंदगी फैलाने वाला जानवर समझते हैं, लेकिन चूहे बहुत स्मार्ट होते हैं। ये तेजी के साथ नई स्किल्स सीखकर हमें चौंका सकते हैं। फिलहाल हीरो रैट्स भूकंप ही नहीं, बल्कि टीबी और ब्रूसिलोसिस नामक बीमारी का सूंघकर पता लगाने की भी ट्रेनिंग ले रहे हैं।

Share:

  • गुब्बारों की जगह अब ड्रोन जुटाएंगे मौसम की जानकारी, सिर्फ 40 मिनट में मिलेगा डाटा

    Thu Jun 9 , 2022
    नई दिल्ली। भारत (India) वायुमंडलीय जानकारी (atmospheric information gathering) जुटाने के लिए जल्द ही ड्रोन की तैनाती (deployment of drones) करने जा रहा है, जिससे मौसम विभाग (weather department) को समय और संसाधन, दोनों की बचत होगी। दरअसल, अभी दिन में दो बार देश के करीब 55 स्थानों (Around 55 places in the country) से […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved