मुंबई। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (President Donald Trump) गाजा में जारी संघर्ष को खत्म करने की मुहिम में जुटे हुए हैं। ज्यादातर देशों के नेताओं ने भी उनकी इस मुहिम का समर्थन किया है। लेकिन हमास और ईरान का सहयोगी इस प्रस्ताव से सहमत नजर नहीं आ रहा है। हिजबुल्लाह की तरफ से खुले तौर पर हमास को भड़काते हुए कहा गया है कि ट्रंप का यह प्रस्ताव फिलिस्तीनी लोगों के लिए गंभीर खतरे पैदा करेगा।
हिजबुल्लाह के उप-महासचिव नईम कासिम ने शनिवार को गाजा पट्टी के लिए ट्रंप द्वारा दिए गए शांति प्रस्ताव पर अपनी बात रखी। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति की योजना की आलोचना करते हुए दावा किया कि ट्रंप का प्रस्ताव पूरी तरह से इजरायल की परियोजना के अनुकूल है। उन्होंने दावा किया कि यह योजना इजरायल के उस लक्ष्य को पूरा करने के लिए बनाई गई है, जिसे वह महीनों के सैन्य अभियान के बाद भी हासिल नहीं कर पाया है।
आपको बता दें, मध्य-पूर्व में हिजबुल्लाह हमास और ईरान का घनिष्ठ सहयोगी है। 7 अक्तूबर के हमले के बाद जब इजरायल ने गाजा में बमबारी शुरू की तो हिजबुल्लाह भी खुले तौर पर युद्ध में आ गया था। इसके बाद इजरायल ने युद्ध का एक और छोर खोलते हुए लेबनान पर भी धावा बोल दिया था। इजरायल का हमला इतना भयानक था कि इसमें हिजबुल्लाह की लीडरशिप का दो बार खात्मा कर दिया। इस आतंकी संगठन का मुख्य कमांडर नसरल्लाह भी मारा गया।
हिजबुल्लाह को खुले तौर पर अमेरिका का विरोधी माना जाता रहा है। वह क्षेत्र में अमेरिका की सभी शांति समर्थित पहलों का विरोध करते हुए वाशिंगटन पर इजरायल को जवाबदेही से बचाने का आरोप लगाता रहा है।
हिजबुल्लाह की तरफ से यह बयान ऐसे समय में आया है, जब हमास ने खुलेआम इस बात की घोषणा की है कि वह ट्रंप के शांति समझौते के कुछ पहलूओं को छोड़कर बाकी बातों पर राजी है। हालांकि बाकी पहलुओं पर फिलहाल मध्यस्थों के जरिए बातचीत हो रही है। इसी बीच ट्रंप ने एक बार फिर से धमकी देते हुए बातचीत को जल्दी खत्म करने की नसीहत दी है।
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