
– 11वीं में 10वीं के परिणाम के आधार पर प्रवेश दिया जाए: हाई कोर्ट
मुंबई। हाई कोर्ट (High Court) की खंडपीठ ने मंगलवार को राज्य सरकार के 11वीं में प्रवेश के लिए निकाले गए कामन इंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) परीक्षा का अध्यादेश (Ordinance of Common Entrance Test (CET) Examination) रद्द कर दिया है। अदालत ने 11वीं कक्षा में 10वीं में प्राप्त अंकों के आधार पर प्रवेश दिए जाने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट का यह आदेश राज्य सरकार पर करारा झटके के रूप में माना जा रहा है।
राज्य सरकार ने 28 मई को अध्यादेश जारी किया था, जिसमें 11वीं कक्षा में प्रवेश के लिए छात्रों की सीईटी परीक्षा आयोजित किए जाने का प्रावधान किया गया था। राज्य सरकार के इस अध्यादेश को वकील योगेश पत्की ने हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए जनहित याचिका दाखिल की थी। इस मामले की सुनवाई 6 अगस्त को न्यायाधीश रमेश धानुका व न्यायाधीश रियाझ छागला के समक्ष हुई थी और दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद खंडपीठ ने निर्णय सुरक्षित रख दिया था।
मंगलवार को खंडपीठ ने राज्य सरकार की सीईटी परीक्षा के लिए निकाले गए अध्यादेश को रद्द करने का आदेश दिया और छात्रों को 10वीं में प्राप्त अंक के आधार पर 11वीं में प्रवेश देने का भी आदेश दिया है। शिक्षा राज्यमंत्री बच्चू कडू ने बताया कि अभी तक उन्होंने आदेश की प्रति नहीं देखी है, इसलिए इस पर प्रतिक्रिया नहीं दे सकते हैं। बच्चू कड़ू ने कहा कि राज्य सरकार अदालत के निर्णय की प्रति देखने के बाद इस बारे में अपनी भूमिका स्पष्ट करेगी। (एजेंसी, हि.स.)
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