
मंडी: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के मंडी जिले (Mandi District) में अब तक की सबसे बड़ी आपदा (Major Disaster) आई है. जिले के सराज में भयंकर त्रासदी झेल रहे लोगों तक पहुंचने के लिए 4 जुलाई की शाम तक सड़क सुविधा को हर हाल में बहाल कर दिया जाएगा. यह जानकारी डीसी मंडी अपूर्व देवगन (DC Mandi Apoorv Devgan) ने आज मंडी में आयोजित पत्रकार वार्ता (Press Conference) को संबोधित करते हुए दी.
उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र की जनता से संपर्क पूरी तरह से कट गया है. राहत एवं बचाव (Relief and Rescue) के साथ-साथ कुनेक्टिविटी को बहाल करने के लिए भी युद्ध स्तर (War Footing) पर प्रयास जारी हैं. 250 छोटे-बड़े लैंडस्लाइड (Landslide) को हटाकर बगस्याड़ तक सड़क मार्ग को खोल दिया गया है और कल दोपहर तक सबसे ज्यादा प्रभावित एरिया थुनाग तक सड़क सुविधा को बहाल कर दिया जाएगा.
अपूर्व देवगन ने बताया कि इस मार्ग को खोलने के लिए 8 मशीनें तैनात की गई हैं. सड़क बहाल होते ही प्रभावितों तक राशन और अन्य जरूरी सामान पहुंचाना आसान हो जाएगा. थुनाग में आवश्यक भवनों तक बिजली पहुंचाने के लिए सब स्टेशन को चालू कर दिया गया है. भारतीय वायु सेना के हेलिकॉप्टर के माध्यम से राहत सामग्री सराज के विभिन्न प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचाई जा रही है. जहां सड़क मार्ग पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं, वहां अब खच्चरों के माध्यम से सामान पहुंचाने का कार्य शुरू कर दिया गया है.
अपूर्व देवगन ने बताया कि उनके पास जो सूचनाएं विभिन्न माध्यमों से प्राप्त हुई हैं उसके अनुसार थुनाग और इसके आसपास के प्रभावित क्षेत्रों में अभी 5 शव बरामद हो चुके हैं जबकि 18 लोग अभी भी लापता हैं. इसमें पखरैर से 11, थुनाग से 5 और पांडव शिला से 2 लोग लापता हैं जबकि थुनाग से 1, धार जरोल से 2 और केल्टी से 2 शव बरामद कर लिए गए हैं. उन्होंने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों के लोगों से लगभग 95 प्रतिशत जानकारी प्रशासन के पास पहुंच चुकी है और इसके अलावा बाकी जानकारियां भी जुटाई जा रही हैं. इसके अलावा वहां रिलिफ कैंप भी लगाए गए हैं जहां लोगों के रहने-खाने की व्यवस्था की गई है.
डीसी मंडी अपूर्व देवगन ने बताया कि सराज में इस आपदा से सबसे ज्यादा 60 हजार लोग प्रभावित हुए हैं, जिनमे टूरिस्ट भी शामिल हैं. इन सभी पर्यटकों के परिवारों से संपर्क हो गया है और कुछेक को उनके राज्यों में भेज भी दिया गया है. इसके अलावा अन्य पर्यटकों को भी सड़क मार्ग खुलते ही वापिस भेजने की व्यवस्था की जाएगी.
अपूर्व देवगन ने बताया कि 30 जून और 1 जुलाई को आयी इस प्राकृतिक आपदा में मंडी जिला में अभी तक 14 लोगों की जान जा चुकी है और 31 लोग अभी भी लापता हैं. सराज क्षेत्र में सबसे ज्यादा 5 लोंगों की मौत हुई है. अभी तक जो रिपोर्ट विभिन्न माध्यमों से उनके पास पहुंची है, उसके अनुसार 115 करोड़ के नुकसान का अनुमान लगाया गया है. जिला में अभी भी 190 के करीब सड़कें बंद पड़ी हैं, जिन्हें खोलने के प्रयास लगातार जारी हैं.
प्राथमिकता के आधार पर मुख्य सड़कों को खोला जा रहा है. 511 विद्युत ट्रांस्फामर और जल शक्ति विभाग की 580 स्कीमें प्रभावित हुई है. इस त्रासदी से जिला में 154 घर टूट चुके हैं. आपदा प्रभावित सभी क्षेत्रों में प्रशासन के साथ साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 5 टीमें राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई हैं. इसके अलावा आर्मी की भी एक टीम मंडी पहुंची है, जिसे आवश्यकतानुसार प्रभावित क्षेत्रों में भेजा जाएगा.
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