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अडाणी पर रिपोर्ट पेश करने वाली हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी बंद

January 16, 2025

वाशिंगटन। अडानी ग्रुप (Adani Group) को हिलाने वाली अमेरिका (America) की शॉर्ट-सेलिंग फर्म (Short-selling firm) हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की ‘दुकान’ बंद हो रही है। इसके फाउंडर नाथन एंडरसन (Founder Nathan Anderson) ने बुधवार को ऐलान किया कि उन्होंने कंपनी को बंद करने का फैसला किया है, जिससे ग्राउंड ब्रेकिंग फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेशन युग का अंत हो गया है। हिंडनबर्ग के संस्थापक ने एक भावुक X पोस्ट के जरिए अपने सफर, संघर्ष और कामयाबियों के बारे में बताया। एंडरसन ने नोट में लिखा, “योजना यह थी कि हम जिन विचारों पर काम कर रहे थे, उन्हें पूरा करने के बाद इसे बंद कर दिया जाए। वह दिन आज है।”


2017 में अपनी स्थापना के बाद से, हिंडनबर्ग रिसर्च ने इंडस्ट्री में धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार और मिसमैनेजमेंट को उजागर करने के लिए नाम कमाया है। फर्म की उपलब्धियों के बारे में एंडरसन ने शेयर किया, “हमने कुछ साम्राज्यों को हिला दिया, जिन्हें हमें लगा कि हिलाने की जरूरत है।” बता दें उनमें अडानी ग्रुप भी एक था। उन्होंने अपने परिवार, दोस्तों और 11 लोगों की समर्पित टीम के समर्थन को हिंडनबर्ग को फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेशन के पावर हाउस में बदलने का श्रेय दिया।

40 वर्षीय एंडरसन ने जनवरी 2023 में गौतम अडानी के अडानी ग्रुप पर हेराफेरी, धोखधड़ी जैसे आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट प्रकाशित करते हुए पूरी दुनिया में हलचल मचा दिया। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार गौतम अडानी उस समय दुनिया के चौथे सबसे अमीर व्यक्ति थे।

एंडरसन ने डोरसी के ब्लॉक इंक और इकान के इकान एंटरप्राइजेज पर भी रिपोर्ट प्रकाशित की। उस समय गौतम अडानी ने कहा कि अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट न केवल समूह को अस्थिर करने के लिए है, बल्कि भारत को राजनीतिक रूप से बदनाम करने के लिए भी है।

ब्लूमबर्ग के मुताबिक उस साल तीनों की सामूहिक संपत्ति को 99 अरब डॉलर का झटका लगा। जबकि, उनकी सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनियों ने मार्केट कैप के 173 बिलियन डॉलर खो दिए।

शुरुआती संघर्षों को किया साझा
एंडरसन ने अपने शुरुआती संघर्षों को साझा करते हुए कहा कि बिना किसी फाइनेंशियल बैकग्राउंड के उन्होंने फर्म की शुरुआत की। उस समय न उनके पास न तो वित्तीय संसाधन थे और न ही उ्रोग जगत से कनेक्शन। उन्होंने स्वीकार किया, “जब मैंने इसे शुरू किया, तो मुझे संदेह था कि मैं सक्षम हूं।”

उन्होंने यह भी कहा, “मेरे पास पारंपरिक वित्त पृष्ठभूमि नहीं थी। मेरे कोई भी रिश्तेदार इस क्षेत्र में नहीं हैं। मैं एक सरकारी स्कूल में गया था। मैं एक चालाक विक्रेता नहीं हूं। मुझे पहनने के लिए सही कपड़ों के बारे में नहीं पता। मैं गोल्फ नहीं खेल सकता।” एक रिपोर्ट के मुताबिक शुरुआत में फर्म को तीन मुकदमों और वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, जिससे एंडरसन बेदखली के कगार पर आ गए, उनके घर में एक नवजात बच्चा था।

“नकारात्मक विचारों के आगे झुकना और दूसरों की सोच पर विश्वास करना बहुत आसान है। खासकर जब चीजें खराब लगती हैं। लेकिन यह सब तोड़ना संभव है। मैं इसके बारे में भावुक था, और मैंने अपने डर और असुरक्षाओं के बावजूद इसे आगे बढ़ने दिया।”

क्यों लिया बंद करने का फैसला
एंडरसन ने फर्म को बंद करने के फैसले के बारे में स्पष्ट किया कि हिंडनबर्ग को बंद करने का निर्णय एक बहुत ही व्यक्तिगत निर्णय था। कहा, “कोई एक खास बात नहीं है- कोई विशेष खतरा नहीं, कोई हेल्थ इश्यू नहीं और कोई बड़ा व्यक्तिगत मुद्दा नहीं।”

अब क्या करने जा रहे एंडरसन
एंडरसन ने हिंडनबर्ग द्वारा विकसित ज्ञान और प्रोसेस को ओपन-सोर्स करने की योजना भी साझा की। उन्होंने कहा, “पिछले कई सालों में आप में से कई लोगों के हजारों संदेश हमें मिले हैं, जिनमें पूछा गया है कि हम जो करते हैं, वह कैसे करते हैं।” एंडरसन ने बताया, “अगले छह महीनों में, मैं अपने मॉडल के हर पहलू और हम अपनी जांच कैसे करते हैं, इस बारे में ओपन-सोर्स सामग्री और वीडियो की एक श्रृंखला पर काम करने की योजना बना रहा हूं।”

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