
नई दिल्ली । तमिलनाडु (Tamil Nadu) के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (Chief Minister MK Stalin) का हिंदी भाषा (Hindi language) के प्रति विरोध किसी से छिपा नहीं है। वे पहले भी केंद्र सरकार (Central government) पर तमिलनाडु में हिंदी को जबरन लागू करने का आरोप लगा चुके हैं। इसी बीच यह खबर फैली कि स्टालिन की अगुवाई वाली सरकार राज्य में हिंदी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की दिशा में कदम उठा रही है। इस खबर के आते ही सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया। हालांकि, बाद में राज्य सरकार ने इसे महज अफवाह बताकर खारिज कर दिया।
दरअसल, सोशल मीडिया पर यह दावा किया गया था कि राज्य स्तर पर हिंदी के सभी उपयोगों पर रोक लगाने वाला एक विधेयक विधानसभा में लाया जा रहा है। यह विवाद हाल के विशेष सत्र (14-17 अक्टूबर 2025) के बीच सामने आया, जब मीडिया की रिपोर्टों और एक आपात बैठक की अफवाहों ने अटकलों को हवा दी। लेकिन बुधवार (15 अक्टूबर) को विधानसभा में ऐसा कोई विधेयक प्रस्तुत नहीं किया गया।
स्टालिन के नेतृत्व में डीएमके सरकार ने सोशल मीडिया पर वायरल दावों को सिरे से नकार दिया। तमिलनाडु सरकार के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से स्पष्ट किया गया कि कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार हिंदी भाषा के हर रूप पर प्रतिबंध लगाने के उद्देश्य से विधानसभा में विधेयक पेश करने वाली है।
सरकार ने जोर देकर कहा कि यह दावा बेबुनियाद और पूरी तरह गलत है, तथा ऐसा कोई विधेयक प्रस्तावित ही नहीं है। विधानसभा सचिव ने भी पुष्टि की कि उनके पास इस तरह के किसी विधेयक का कोई सुझाव या प्रस्ताव नहीं आया है।
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