img-fluid

हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार की थी अंतिम इच्छा, मुस्लिम शख्स ने दी मुखाग्नि

September 18, 2025

नई दिल्‍ली । केरल (Kerala)में एक मुस्लिम शख्स(Muslim man) ने इंसानियत की मिसाल पेश(set an example) की है। उन्होंने हिंदू रीति से एक दिव्यांग महिला का अंतिम संस्कार (funeral rites)किया। उस महिला के परिवार का कोई पता नहीं था। वह स्तन और लिवर कैंसर से जूझ रही थी। उसने मरने से पहले आखिरी इच्छा व्यक्त करते हुए कहा था कि उसका हिंदू रीति रिवाज के मुताबिक अंतिम संस्कार किया जाए। कडिनमकुलम पंचायत के चित्ताट्टुमुक्कु वार्ड सदस्य टी सफीर ने उस महिला के दिवंगत होने के बाद उसकी आखिरी इच्छा पूरी की। उनका कहना है कि हर इंसान को मौत के बाद सम्मान मिलना चाहिए। धर्म से ऊपर उठकर यही इंसानियत है।


आपो बता दें कि सफीर मुस्लिम हैं। उन्होंने हाल ही में 44 साल की राखी का अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाजों से किया। राखी छत्तीसगढ़ की मूल निवासी थीं और मानसिक दिव्यांगता से पीड़ित थीं। पिछले ढाई साल से वह कडिनमकुलम स्थित बेनेडिक्ट मेन्नी साइको सोशल रिहैबिलिटेशन सेंटर में रह रही थीं। कुछ समय पहले उन्हें स्तन और लिवर कैंसर का पता चला था। अपनी आखिरी इच्छा में उन्होंने कहा था कि उनका अंतिम संस्कार हिंदू परंपरा के अनुसार हो।

लेकिन परिवार का कोई सुराग न मिलने और संस्था के ईसाई संचालकों के असमर्थ होने पर सफीर आगे आए। उन्होंने कहा, “अगर कोई अंतिम इच्छा जताए, खासकर इतना असहाय व्यक्ति, तो उसे पूरा करना हमारा कर्तव्य है।”

यह पहली बार नहीं था जब सफीर ने ऐसी जिम्मेदारी निभाई। कुछ हफ्ते पहले उन्होंने नागरूर की एक अन्य महिला सुधाक्षिणा का भी अंतिम संस्कार किया था। उनके परिजन मानसिक समस्याओं से जूझ रहे थे और संस्कार नहीं कर पाए।

राखी के मामले में सफीर ने बताया, “शायद मैंने हर रीति पूरी तरह सही न निभाई हो, लेकिन जो ज्ञान था और जो मार्गदर्शन मिला उसी के साथ पूरी निष्ठा से किया। मुझे विश्वास है कि यह किसी भी ईश्वर को स्वीकार होगा। स्थानीय इमाम ने भी कहा कि मैंने सही किया।”

सफीर अक्सर पुनर्वास केंद्र जाते हैं, वहां के निवासियों से मिलते हैं और स्टाफ की मदद करते हैं। उनका कहना है, “मेरे धर्म ने मुझे सिखाया है कि हर इंसान के शरीर को सम्मान देना चाहिए, चाहे वह अपना हो या पराया।”

हालांकि उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि उनका यह कदम खबर बन गया। उन्होंने कहा, “पहले ऐसे काम सामान्य माने जाते थे। अब जब कोई सिर्फ इंसानियत निभाता है, तो खबर बन जाती है। यह दिखाता है कि सेकुलरिज़्म कितना दुर्लभ हो गया है।” सफीर का कहना है, “धर्म मन में होना चाहिए, लेकिन दिल हमेशा इंसानों के लिए खुला रहना चाहिए। हर व्यक्ति मौत के बाद भी गरिमा का हकदार है। यह सिर्फ धार्मिक सद्भाव नहीं, बल्कि इंसानियत का सवाल है।”

Share:

  • राहुल गांधी ने PM मोदी को खत लिखकर की पंजाब राहत पैकेज बढ़ाने की मांग, कहा- 1,600 करोड़ रुपए अन्याय है

    Thu Sep 18 , 2025
    नई दिल्‍ली । कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने पंजाब में आई भीषण बाढ़ (flood) में मची तबाही को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को एक खत (Letter) लिखा है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को लिखे इस सार्वजनिक खत में कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved