
इंदौर। पिछले एक सप्ताह से हनीसिंह कांसर्ट (honey singh concert) को लेकर नगर निगम (Municipal council) और आयोजक (Organizer) के बीच माथापच्ची चल रही थी। मनोरंजन शुल्क (Entertainment Fee) को नगर निगम ने नाक का सवाल बना लिया था। आयोजन की अनुमति नहीं देने के लिए तमाम विभागों को सूचना दे दी गई थी। इसी बीच कल रात आयोजकों ने 7 लाख 84 हजार का टैक्स निगम में जमा कर दिया और साथ ही टिकट बिक्री को लेकर शपथ पत्र भी दिया है।
इंदौर में इससे पहले दिलजीत दोसांझ के कार्यक्रम को लेकर भी निगम को टैक्स नहीं मिला था और कई दिनों तक विवाद चलते रहे थे। आखिरकार बाद में जैसे-तैसे टैक्स मिला। इसी से सबक लेकर निगम ने हनीसिंह के शो को लेकर शुरुआती दौर से ही सख्ती रखी और आयजकों को दो टूक कह दिया कि पहले शुल्क जमा कराना पड़ेगा, उसके बाद ही शो का आयोजन होगा। इस मामले को लेकर महापौर पुष्यमित्र भार्गव और राजस्व समिति प्रभारी निरंजनसिंह चौहान ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को टैक्स वसूली के लिए कहा था। आयोजकों को निगम द्वारा नोटिस भी जारी किए गए थे, मगर उसके बावजूद राशि को लेकर माथापच्ची चल रही थी। कल निगम की टीम आयोजन स्थल पर पड़ताल के लिए भी पहुंची थी। इसी बीच कल देर रात आयोजकों ने निगम अधिकारियों से चर्चा कर 7 लाख 84 हजार का मनोरंजन टैक्स निगम खजाने में जमा करा दिया। समिति प्रभारी चौहान का कहना है कि आयोजकों ने शपथ पत्र दिया है कि टिकट के मान से यह राशि जमा कराई गई है और भविष्य में कुछ और टिकट बिके तो उसकी भी राशि जमा करा दी जाएगी।