
नई दिल्ली । सत्तारूढ़ शिवसेना (Ruling Shiv Sena)के पूर्व सांसद संजय निरुपम (Former MP Sanjay Nirupam)ने शुक्रवार को मुंबई(Mumbai) में झुग्गी पुनर्वास योजनाओं (slum rehabilitation schemes)को लेकर एक चौंकाने वाला दावा किया है। उन्होंने इन योजनाओं में शामिल कुछ ‘मुस्लिम’ डेवलपर्स’ पर ‘हाउसिंग जिहाद’ करने का आरोप लगाया है। संजय निरुपम ने कहा है कि वे लाभार्थियों की सूची में अपने समुदाय के लोगों के नाम जोड़ कर यहां की डेमोग्राफी को बदलने की कोशिश कर रहे हैं।
शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने आरोप लगाया कि मुंबई के आस-पास के हिस्सों जैसे गोवंडी, मानखुर्द, कुर्ला, साकी नाका और बांद्रा में इस तरह की साजिश को अंजाम दिया जा रहा है। पूर्व सांसद ने कहा, ‘‘यहां झुग्गी पुनर्वास प्राधिकरण (एसआरए) की 600 परियोजनाएं चल रही हैं, जिनमें से 10 प्रतिशत बिल्डर मुस्लिम हैं और सभी इस तरह के काम में शामिल हैं। शहर में जनसांख्यिकी को बड़े पैमाने पर बदलने की योजना है और यह हाउसिंग जिहाद है।’’
निरुपम ने इन धोखाधड़ी गतिविधियों की गहन जांच की मांग की है और कहा है कि उन्होंने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को चिट्ठी लिखकर मामले की जांच की मांग की है। शिवसेना प्रवक्ता ने ओशिवारा में चल रही दो परियोजनाओं के बारे में बात करते हुए कहा, ‘‘एक हिंदू बहुल सोसायटी को मुस्लिम बहुल सोसायटी में बदल दिया गया।’’
संजय निरुपम ने दावा किया कि एक हाउसिंग सोसायटी में परियोजना का संचालन करने वाले मुस्लिम बिल्डर ने लाभार्थियों की सूची में हेराफेरी की और एक ही शख्स के नाम पर 19 निर्माण पारित कर दिए गए। उन्होंने यह भी आरोप लगाए कि एसआरए परियोजना में एक किरायेदार बांग्लादेशी है जो भारत में अवैध रूप से रह रहा है।
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