ओस्लो । नॉर्वे के फोल्गेफोना नेशनल पार्क (Folgefonna National Park, Norway) से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। 38 वर्षीय अमेरिकी जलवायु पत्रकार एलेक लुहन (Alec Luhn, American climate journalist) नॉर्वे के फोल्गेफोन्ना नेशनल पार्क में एक भयानक हादसे के बाद छह दिनों तक जंगली इलाके में फंसे रहे। इस दौरान उन्होंने अपनी जान बचाने के लिए अपना मूत्र पिया और एक फफोले से निकले खून को चूसा। यह घटना जुलाई के अंत में हुई, जब लुहन अपनी पत्नी के साथ छुट्टियां मनाने नॉर्वे आए थे। लुहन एक अनुभवी हाइकर हैं। वे अकेले ही हाइक पर निकले और अपनी पत्नी को अपना यात्रा कार्यक्रम मैसेज कर दिया। पत्नी इंग्लैंड चली गईं।
हाइक के शुरुआत में ही उनके बाएं जूते का सोल निकलना शुरू हो गया, जिसे उन्होंने एथलेटिक टेप से बांधा, लेकिन इससे ट्रैक्शन प्रभावित हुआ। लगभग 4,000 फीट की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद, रात करीब 10 बजे, कैंपिंग करने के बजाय उन्होंने आगे बढ़ने का फैसला किया। इसी दौरान वे फिसल गए और पहाड़ से नीचे गिरते हुए “पिनबॉल” की तरह घूमते हुए एक चट्टान पर जा गिरे। इस हादसे में उनकी जांघ की हड्डी टूट गई, पेल्विस और वर्टिब्रा में फ्रैक्चर हो गया, हाथों पर गहरे घाव आए और सिर में चोट लगी। गिरते समय उनकी पानी की बोतल और आईफोन भी गिर गए, और वे बेहोश हो गए।
लुहन अमेरिका के विस्कॉन्सिन से हैं। उन्होंने सीएनएन को बताया, “मुझे याद है.. मैं सोच रहा था ‘यह बहुत बुरा है। यह किसी आपदा फिल्म की शुरुआत है।’ यह वह पल था जब सब कुछ पूरी तरह से बदल गया।” अनुभवी होने के नाते, उन्होंने अपनी पत्नी को पहले ही बता दिया था कि वहां सिग्नल की समस्या हो सकती है। उन्होंने बताया, “मुझे याद है कि मैं पहले पहाड़ से फिसला, फिर लुढ़कता हुआ नीचे गया, और फिर पहाड़ से टकराता हुआ नीचे गिरा।” जब वह रुके, तो उनकी जांघ की हड्डी टूट चुकी थी। उन्होंने कहा, “मेरा बायां पैर बेकार हो चुका था, वह किसी भी दिशा में लटक रहा था।”
उनका बैकपैक फट गया, और उनके सामान- जिसमें फोन और पानी शामिल थे सब खो गए। लुहन ने खुद को कई दिनों की एकांतवास के लिए तैयार किया। उनकी पत्नी को इस बात का कोई अंदाजा नहीं था कि वह पहले ही गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं।
पहले कुछ दिन कठिन परीक्षा जैसे थे। बिना पानी के खाना निगलना असंभव था। हताशा में, उन्होंने अपनी पेशाब को पीना शुरू किया।उन्होंने कहा, “जब मुझे अगली बार पेशाब करना था, मैंने उसे अपने पानी के पाउच में लिया। मैंने अपने मूत्र को पिया, ताकि थोड़ी हाइड्रेशन मिले और थोड़ा खाना निगल सकूं।”
लंदन में, उनकी पत्नी ने तब चिंता शुरू की जब लुहन अपनी वापसी की उड़ान में नहीं पहुंचे और उन्होंने नॉर्वे के अधिकारियों को सूचित किया। खराब मौसम ने शुरुआती खोज को मुश्किल बना दिया, लेकिन 6 अगस्त को, उनकी दुर्घटना के लगभग एक सप्ताह बाद, एक सफलता मिली।
पत्रकार ने कहा, “मैं सुबह उठा। बहुत ठंड थी, सब कुछ गीला था… और फिर हेलीकॉप्टर आया।” पहले तो हेलीकॉप्टर उन्हें देखकर निकल गया। दृढ़ संकल्प के साथ, उन्होंने एक तंबू के खंभे और रूमाल से झंडा बनाया। उन्होंने कहा, “मैं पूरी ताकत से झंडा लहरा रहा था और चिल्ला रहा था। आखिरकार, हेलीकॉप्टर का साइड दरवाजा खुला, और किसी ने मुझे जवाब में हाथ हिलाया। तब मुझे पता चला कि अब सब मुश्किलें खत्म होने वाली हैं।”
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