
हरिद्वार। हरिद्वार (Haridwar) के मनसा देवी मंदिर (Mansa Devi temple) में आज बहुत बड़ा हादसा हो गया। मंदिर के पैदल सीढ़ी मार्ग (Pedestrian Staircase) पर सुबह मची भगदड़ (Stampede) में छह श्रद्धालुओं (Devotees) की मौत हो गयी तथा करीब 36 लोग घायल हो गए। सावन और रविवार की वजह से आज मनसा देवी मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा था। मंदिर के सीढ़ी मार्ग पर लोगों का रेला लगा था, तभी यहां भगदड़ मच गई। कुछ लोगों का कहना है कि मंदिर में करंट फैलने (Current Spread) की अफवाह वजह से अफरातफरी मची और सीढ़ियों पर गिरने से लोग मारे गए। हरिद्वार पुलिस भी मंदिर में करंट फैलने की बात को अफवाह बता रही है। पुलिस का कहना है कि हादसा मंदिर में भारी भीड़ जुटने की वजह से हुआ है।
मनसा देवी मंदिर में जल चढ़ाने वालों की भीड़ उमड़ी थी और पूरा रास्ता श्रद्धालुओं से खचाखच भरा था। तभी करंट की अफवाह उड़ी और भगदड़ मच गई। बताया जा रहा है कि मनसा देवी मंदिर पर लगे बिजली के पोल में चिंगारी के बाद स्पार्क हुआ। जिस वजह से अफवाह फैल गई कि मंदिर में करंट आ गया है। ऊपर मंदिर में मौजूद श्रद्धालु नीचे की तरह भागे और बीच में आने जाने वाले लोग एक दूसरे पर गिर गए। घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि इनमें से कई की हालत गंभीर है।
अब सवाल उठता है कि हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में ये हादसा कैसे हुआ? करंट फैलने की बात किसने उड़ाई? जानते हुए कि सावन का महीना है, उसपर से आज रविवार भी है, ऐसे में भीड़ को मैनेज करने के लिए पहले से कोई इंतज़ाम क्यों नहीं किया गया? भगदड़ में जिन 6 श्रद्धालुओं की मौत हुई, उसका ज़िम्मेदार कौन है? भगदड़ की घटना के कुछ देर बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हरिद्वार पहुंचे और अस्पताल में भर्ती घायलों से मुलाकात कर उनका हाल-चाल जाना। उन्होंने कहा कि मामले की मजिस्ट्रेट से जांच कराई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने हादसे पर गहरा दुख जताया और कहा कि दुख की इस घड़ी में राज्य सरकार पीड़ितों के साथ है। धामी ने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हुए कहा कि उन्होंने अधिकारियों को घायलों का समुचित इलाज कराने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मृतकों और घायलों के परिजनों को इस घटना के बारे में सूचित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि घायलों और मृतकों के परिजनों को हरिद्वार से उनके गृह नगर तक भेजने की व्यवस्था उत्तराखंड सरकार द्वारा की जाएगी। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये तथा घायलों को पचास-पचास हजार रुपये की राहत राशि देने की घोषणा की है।
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