
पटना. नौकरी (Job) के बदले जमीन (land) केस में लालू यादव परिवार जांच के दायरे में है. मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabri Devi) और उनके बेटे तेज प्रताप (Tej Pratap) से लंबी पूछताछ की. दोनों को अलग-अलग कमरे में बिठाकर ED अधिकारियों ने सवाल किए. आज लालू प्रसाद यादव को भी ईडी के सामने पेश होना है.
सूत्रों के मुताबिक, ईडी की टीम ने राबड़ी देवी से पूछताछ में कई सवालों के जवाब जानना चाहे. हालांकि, वे कई सवालों के जवाब टाल गईं. ईडी सूत्रों का कहना है कि मामले में कुछ अतिरिक्त तथ्य सामने आने के कारण नए सिरे से पूछताछ जरूरी हो गई थी. राबड़ी, तेजप्रताप और लालू के बयान धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत दर्ज किए जा रहे हैं. जानिए ईडी ने राबड़ी देवी से क्या-क्या सवाल पूछे…
1. दिल्ली में न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी वाला बंगला कैसे लिया गया?
2. पटना के सगुना मोड़ वाले अपार्टमेंट की जमीन कैसे खरीदी गई?
3. इन संपत्तियों की खरीद के लिए पैसे कहां से आया?
4. आपके नाम से जो जमीन है, वो कैसे अर्जित की गई है?
5. जिन लोगों से नौकरी के बदले जमीन ली गई, उनको आप कैसे जानती हैं?
6. आप उन लोगों से पहली बार कब मिलीं, जिन्हें रेलवे में नौकरियां दी गईं?
7. रेलवे में नौकरी पाने वाले लोग आपके संपर्क में कैसे आए?
ईडी ने लंच और दवा के लिए पूछा
सूत्रों के मुताबिक, ईडी के ज्यादातर सवालों का जवाब राबड़ी देवी ने साफ-साफ नहीं दिया. राबड़ी ज्यादातर सवालों का जवाब टाल गईं. ईडी की टीम ने राबड़ी देवी से लंच के लिए भी पूछा और यह भी कहा कि अगर आपको कोई दवा लेनी है तो आप ले लीजिए.
इससे पहले राबड़ी देवी सुबह ईडी दफ्तर पहुंचीं तो उनके साथ बेटी मीसा भारती थीं. मीसा ने कहा, राबड़ी देवी और तेज प्रताप यादव को ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया है. हम सभी सवालों के जवाब देते आए हैं. वे अपना कर्तव्य निभा रहे हैं और हम अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रहे हैं. हमारे कार्यकर्ता जो बाहर हैं, वे अपना कर्तव्य निभा रहे हैं. उन्हें (लालू यादव को) कल बुलाया गया है.
क्या मामला है?
ईडी ने पिछले साल दिल्ली की एक अदालत में लालू परिवार के सदस्यों के खिलाफ मामले में आरोपपत्र दायर किया था, जिसमें कुछ अन्य लोगों के अलावा राबड़ी देवी और उनकी बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव को आरोपी बनाया गया था. आरोप है कि लालू यादव ने केंद्र में यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान 2004-2009 के दौरान भारतीय रेलवे में ग्रुप डी की नियुक्ति में भ्रष्टाचार किया था.
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