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भारत हर साल कितने करोड़ के हथियार बेचता है? सरकार ने संसद में दी जानकारी

August 11, 2021

डेस्‍क। भारत (India) अब कई क्षेत्रों में आत्‍मनिर्भर (self dependent) बनने की कोशिशों में लगा है. कई ऐसे उत्‍पाद जिन्‍हें आयात किया जाता था, अब उन्‍हें देश में ही तैयार किया जाने लगा है. देश का रक्षा क्षेत्र (defense sector) भी अब धीरे-धीरे निर्यात के क्षेत्र में आगे बढ़ने लगा है. मॉनसून सत्र (monsoon season) के दौरान सरकार की तरफ से जो आंकड़ें मुहैया कराए गए हैं, उनमें पिछले 7 सालों में देश से हुए रक्षा निर्यात के बारे में जानकारी दी गई है.

सरकार से पूछा गया था सवाल
एक सवाल के जवाब में सरकार की तरफ से बताया गया है कि पिछले 7 साल में देश से कौन-कौन से रक्षा उत्‍पादों को निर्यात किया गया है. सरकार की तरफ से उन देशों के बारे में भी बताया गया है जिन्‍हें रक्षा उत्‍पाद निर्यात किए गए हैं. सरकार की तरफ से बताया गया है कि रक्षा उत्‍पादन विभाग (DDP) की तरफ से खास केमिकल्‍स, मैटेरियल और टेक्‍नोलॉजीज की श्रेणी 6 में शामिल युद्ध सामग्रियों को निर्यात किया गया है.


कौन-कौन से उत्‍पाद हुए निर्यात
जो उत्‍पाद भारत ने निर्यात किए हैं उनमें हथियार, सिम्‍युलेर्ट्स, आंसू गैस लॉन्‍चर, टॉरपीडो लोडिंग सिस्‍टम, अलार्म मॉनिटरिंग एंड कंट्रोल, नाइट विजन मोनोक्‍यूलर और बाइनोक्‍यूलर, हल्‍के वजन वाले टॉरपीडो, बख्‍तरबंद व्‍हीकल्‍स, सिक्‍योरिटी व्‍हीकल, हथियार तलाशने वाले रडार्स, एचएफ रेडियो, तटीय रडार प्रणाली जैसे सिस्‍टम शामिल हैं जिनका निर्यात किया गया है. सरकार की तरफ से बताया गया है कि 75 देशों को भारत की तरफ से रक्षा उत्‍पाद निर्यात किए जा रहे हैं. हालांकि इन देशों का नाम सुरक्षा की दृष्टि से सार्वजनिक करने से सरकार ने इनकार कर दिया.

7 साल में हुआ कितना निर्यात
सरकार ने साल 2014 से 2020-2021 तक कई करोड़ों रुपयों का निर्यात किया है. जो जानकारी रक्षा मंत्रालय की तरफ से दी गई है, 
2014-2015 में 1940.64 करोड़ रुपए का निर्यात
2015-2016 में 2059.18 करोड़ रुपए का निर्यात.
2016-2017 में 1521.91 करोड़ रुपए का.
2017-2018 में 4682.36 करोड़ रुपए का.
2018-2019 में 10745.77 करोड़ रुपए का.
2019-2020 में 9115.55 करोड़ रुपए का.
2020-2021 में 84348434.84 करोड़ रुपए का रक्षा निर्यात भारत से हुआ.


आकाश मिसाइल होगी निर्यात
आकाश जमीन से हवा में हमला करने वाला एक मिसाइल सिस्‍टम है. इस वर्ष की शुरुआत में कैबिनेट सुरक्षा समिति (सीसीएस) ने इस मिसाइल के निर्यात की मंजूरी दी थी. इस मंजूरी के बाद आकाश मिसाइल को कुछ मित्र देशों जिसमें कुछ आसियान के देश जैसे वियतनाम और फिलीपींस भी शामिल हैं, उन्‍हें निर्यात किया जाएगा.

मित्र देशों ने सेनाओं में शामिल होने के बाद देश में बनी आकाश मिसाइल को खरीदने की इच्‍छा जताई है. जो आकाश मिसाइल निर्यात की जाएगी, वह उस सिस्‍टम से पूरी तरह से अलग है जिसे सेनाएं फिलहाल प्रयोग कर रही हैं. आकाश मिसाइल सिस्‍टम पहला ऐसा हथियार है जो भारत में बना है और जिसे निर्यात किया जाएगा. भारत फास्‍ट पेट्रोल बोट्स, हलीकॉप्‍टर्स और दूसरे हथियारों के साथ ही अंतरराष्‍ट्रीय ग्राहकों के लिए रडार्स भी तैयार कर रहा है.

ब्रह्मोस को किया जाएगा निर्यात
इसे डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) की तरफ से डिजाइन किया गया है. कई देशों की तरफ से ब्रह्मोस मिसाइल को खरीदने की भी इच्‍छा जताई गई है जिसे रूस के साथ मिलकर तैयार किया गया है. लेकिन आकाश मिसाइल पहली पसंद बन गई है. आकाश मिसाइल सिस्‍टम ‘मेक इन इंडिया’ पहल की सफलता का बड़ा उदाहरण है. माना जा रहा है कि वियतनाम आकाश मिसाइल सिस्‍टम का पहला ग्राहक बन सकता है. इसके अलावा यूएई की तरफ से भी इसे खरीदने की इच्‍छा जताई गई है. वैज्ञानिकों की मानें तो आकाश मिसाइल की विभिन्‍नताएं इसे पसंदीदा हथियार बनाती हैं.

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