
नई दिल्ली । थाइलैंड(Thailand) में इसी साल समलैंगिक संबंधों(homosexual relationships) को मंजूरी(Approval) मिल गई है। इसके अलावा भारत में सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) ने समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी(Category of offence) से हटा दिया है, लेकिन शादी को परमिशन देने को लेकर बहस जारी है। भले ही भारत में समलैंगिक संबंध अपराध के दायरे से बाहर हैं, लेकिन समाज में इसे लेकर बहस जारी है। एक बड़ा वर्ग इसे लेकर असहज है। इस बीच एक दिलचस्प सर्वे अमेरिकी रिसर्च संस्था प्यू ने किया है। प्यू रिसर्च के सर्वे में भारत समेत 15 देशों के लोगों से पूछा गया था कि यदि उनके बच्चे समलैंगिक हो जाते हैं तो वे कैसा अनुभव करेंगे। इसे सहजता से स्वीकार करेंगे या फिर ऐतराज होगा।
इस सर्वे में शामिल भारतीयों से जब ऐसा ही सवाल पूछा गया तो 56 फीसदी ने कहा कि उन्हें परेशानी होगी। उन्होंने कहा कि यदि उनके बच्चे समलैंगिक संबंधों की ओर आकर्षित होते हैं या ऐसा करते हैं तो यह उन्हें पसंद नहीं है और उन्हें परेशानी होगी। इसके अलावा 9 फीसदी लोगों ने कहा कि वे ना तो पसंद करेंगे और ना ही असहज होंगे। इसके अलावा 16 पर्सेंट लोग ऐसे भी थे, जिन्होंने कहा कि उन्हें कोई समस्या नहीं होगा। वहीं 19 फीसदी लोगों ने कोई जवाब देने से ही इनकार कर दिया। प्यू रिसर्च की तरफ से जिन 15 देशों में यह सर्वे किया गया है, उनमें से ज्यादा मध्यम आय वर्ग वाले हैं।
इनमें इंडोनेशिया, तुर्की, बांग्लादेश, साउथ अफ्रीका, ब्राजील और अर्जेंटीना शामिल हैं। बच्चों के समलैंगिक संबंधों का सबसे प्रबल विरोध करने वाले देशों में घाना है। यहां के 95 फीसदी लोगों ने कहा कि बच्चों का समलैंगिक होना वह पसंद नहीं करेंगे। वहीं इंडोनेशिया में ऐसे 94 फीसदी लोग हैं, जो बच्चों का गे या लेस्बियन होना एकदम पसंद नहीं करते। नाइजीरिया में ऐसे लोगों की संख्या 91 फीसदी है तो वहीं तुर्की में 87 पर्सेंट लोग इसके खिलाफ हैं। अहम तथ्य यह है कि ज्यादातर मुस्लिम बहुल देशों की बड़ी आबादी समलैंगिक संबंधों को एकदम पसंद नहीं करती और वे नहीं चाहते कि उनके बच्चे इसकी ओर बढ़ें।
केन्या में 87 फीसदी और बांग्लादेश में 60 फीसदी लोग बच्चों के ऐसे संबंधों में जाने के खिलाफ हैं। पेरू में 59 फीसदी और समलैंगिक शादियों को मान्यता देने वाले थाइलैंड में ऐसे लोगों की संख्या 57 पर्सेंट ही है। इसके अलावा साउथ अफ्रीका में ऐसे 56 फीसदी लोग हैं। अर्जेंटीना में ऐसे लोगों की संख्या अधिक है, जो बच्चों के समलैंगिक संबंधों में जाने को लेकर असहज नहीं हैं। अर्जेंटीना के 32 फीसदी लोगों ने ही कहा कि वे बच्चों के समलैंगिक संबंधों में जाने के खिलाफ हैं। ब्राजील में ऐसे लोगों की संख्या 38 फीसदी है, जबकि मेक्सिको में 45 फीसदी हैं।
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