
नई दिल्ली। दुनिया की टॉप टेक कंपनियों (Tech Companies) में छंटनी (Layoffs) की लहर लगातार तेज होती जा रही है। अब एचपी (HP) व एपल (Apple) दोनों ने बड़े पैमाने पर पद खत्म करने की घोषणा की है। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले समय में एआई ड्रिवन बिजनेस मॉडल (AI-Driven Business Models) के कारण यह संकट और ज्यादा हो सकता है।
टेक कंपनी HP Inc. ने घोषणा की है कि वह 2028 तक वैश्विक स्तर पर 4,000 से 6,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल सकती है। कंपनी का कहना है कि यह कदम ऑपरेशंस को आसान बनाने, प्रोडेक्ट डेवलेमेंट को तेज करने व कस्टमर सपोर्ट व प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए एआई को बड़े स्तर पर अपनाने की प्लानिंग का हिस्सा है।
एचपी के सीईओ ने बताया कि छंटनी का सीधा असर प्रोडेक्ट डेवलपमेंट, इंटरनल ऑपरेशन व कस्टमर सपोर्ट टीमों पर पड़ेगा। कंपनी अगले तीन वर्षों में करीब एक बिलियन डॉलर लागत की बचत होने का अनुमान लगा रही है। जबकि एचपी इस साल की शुरुआत में ही अपनी पूर्व घोषित री-स्ट्रक्चरिंग के तहत दो हजार से ज्यादा कर्मचारियों को निकाल चुका है।
इसी हफ्ते Apple Inc. ने भी बिना ज्यादा शोर-शराबे के सेल्स टीम में छंटनी की है। कंपनी ने बिजनेस, स्कूल, सरकारी एजेंसियों के सेगमेंट से जुड़े दर्जनों सेल्स रोल खत्म कर दिए हैं। रिपोर्टस के अनुसार, अकाउंट मैनेजर्स, ब्रीफिंग सेंटर में प्रोडेक्ट डेमाे संभालने वाले स्टाफ पर पड़ा है।
एपल ने यह तो बताया कि बदलाव कस्टमर कनेक्शन बेहतर करने के लिए किया गया है, लेकिन प्रभावित कर्मचारियों की सटीक संख्या अभी भी सार्वजनिक नहीं की गई है। एपल का यह भी कहना है कि जिनको इससे फर्क पड़ रहा है वो किसी और रोल के लिए अप्लाई कर सकते हैं। कई रिपोर्टस में कहा गया है कि एपल अपनी ज्यादा सेल्स थर्ड-पार्टी रीसेलर्स को ट्रांसफर करने की तैयारी में है। इससे इन हाउस खर्च कम हो सकता है।
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