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बंगाल : हुमायूं कबीर ने बालीगंज सीट से हिंदू उम्मीदवार निशा चटर्जी का नाम लिया वापस, बतायी ये वजह

December 24, 2025

कोलकाता । जनता उन्नयन पार्टी (JUP) के संस्थापक हुमायूं कबीर (Humayun Kabir) ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2026 (West Bengal Assembly Elections) के लिए दक्षिण कोलकाता की बालीगंज सीट से पार्टी की घोषित उम्मीदवार निशा चटर्जी (Nisha Chatterjee) को हटा दिया। कबीर का कहना है कि निशा चटर्जी की सोशल मीडिया पर मौजूद तस्वीरें और वीडियो उनकी पार्टी की छवि के अनुरूप नहीं हैं और इससे जनता के बीच गलत संदेश जा सकता है।

हुमायूं कबीर को इस महीने की शुरुआत में मुर्शिदाबाद में बाबरी-स्टाइल मस्जिद बनाने की योजना के कारण TMC से सस्पेंड कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने सोमवार को नई पार्टी जनता उन्नयन पार्टी (JUP) का गठन किया था। इसके साथ ही उन्होंने आठ विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नाम भी घोषित किए थे, जिनमें बालीगंज भी शामिल थी।

उम्मीदवार का नाम वापस लिए जाने के फैसले पर सफाई देते हुए हुमायूं कबीर ने कहा- मैंने निशा की कुछ तस्वीरें और सोशल मीडिया रील्स देखी हैं। उन्हें देखकर मुझे लगा कि वह हमारी पार्टी की उम्मीदवार नहीं होनी चाहिए। इससे लोगों के बीच गलत संदेश जाएगा। यह फैसला लेने का मुझे पूरा अधिकार है।

कबीर ने यह भी संकेत दिया कि बालीगंज सीट के लिए नई महिला उम्मीदवार की घोषणा जल्द की जाएगी और वह मुस्लिम समुदाय से हो सकती हैं।


वहीं, निशा चटर्जी ने इस फैसले को धर्म से जोड़ते हुए गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि उन्हें सिर्फ इसलिए हटाया गया क्योंकि वह हिंदू हैं।

उन्होंने कहा, अचानक मेरे वीडियो को लेकर बातें बनाई जा रही हैं। हुमायूं ‘काकू’ ने खुद मुझसे चुनाव लड़ने को कहा था, तभी मैं उम्मीदवार बनी। अब मुझ पर सवाल उठाए जा रहे हैं। मुझे इसलिए हटाया गया क्योंकि मैं हिंदू हूं। अगर उनकी पार्टी वास्तव में धर्मनिरपेक्ष होती, तो क्या ऐसा होता?

उन्होंने कहा कि वह शुरू से ही हुमायूं कबीर की बाबरी मस्जिद योजना के समर्थन में थीं, फिर भी उनके साथ ऐसा व्यवहार किया गया। उन्होंने कहा- इस घटना से मुझे सामाजिक तौर पर शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है। मैं इस मामले में कानूनी कार्रवाई पर भी विचार कर रही हूं।

गौरतलब है कि हुमायूं कबीर भारतपुर से विधायक हैं। उनको 4 दिसंबर को टीएमसी ने निलंबित कर दिया था। यह कार्रवाई मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की तर्ज पर मस्जिद बनाने की उनकी घोषणा के बाद हुई थी, जिसने राज्य की राजनीति में बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था।

इसके बाद 6 दिसंबर को यानी जिस दिन वर्ष 1992 में बाबरी मस्जिद को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में ढहा दिया गया था उसी दिन कबीर ने मुर्शिदाबाद के रेजिनगर में प्रस्तावित मस्जिद की आधारशिला रख दी। इस कदम ने आगामी विधानसभा चुनावों से कुछ ही महीने पहले पश्चिम बंगाल की राजनीति में नया तूफान खड़ा कर दिया है।

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