
नई दिल्ली । दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष (Delhi Congress President) अनिल चौधरी (Anil Chaudhary) ने कहा कि, मुझे इस बात की खुशी है कि (I am Happy that) मनीष सिसोदिया के घर (Manish Sisodia’s House) आज सीबीआई की जांच चल रही है ( CBI Investigation is Going on Today), इसकी मांग कांग्रेस पार्टी पहले से ही कर रही है। दिल्ली कोविड काल में इलाज के लिए तरस रही थी, उस वक्त दिल्ली सीएम और शराब मंत्री शराब माफियाओं के साथ मिलकर शराब नीति बनाने का काम कर रहे थे। अनिल चौधरी ने कहा, शिक्षा-स्वास्थ्य का मॉडल सामने रख, ‘आप’ भ्रष्टाचार नहीं कर सकती।
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष ने नई शराब नीति पर विशेष आयुक्त (अपराध शाखा) से पुलिस मुख्यालय में मुलाकात की थी और करोड़ों रुपए के घोटाले के खिलाफ एक ज्ञापन भी सौंपा था। इसके साथ ही जब दिल्ली उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की तब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने इस फैसले का स्वागत भी किया था।
मीडिया के माध्यम से, सड़कों पर उतर कर और दिल्ली पुलिस कमीश्नर को पत्र लिख विरोध दर्ज कराया था। एक तरफ दिल्ली की महिलाएं शराब नीति के खिलाफ सड़कों पर उतरी हुई थी तो उसी दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री शराब माफियाओं को सुरक्षा मुहैया करा रहे थे। उन्होंने आगे कहा, दिल्ली में शराब नीति से आखिर किस को फायदा पहुंचाया गया? मैंने इस नीति पर कई सवाल भी पूछे थे और आखिर में मुझे इस बात की खुशी है कि सीबीआई ने आज मनीष सिसोदिया के घर छापेमारी की है। शिक्षा और स्वास्थ्य का मॉडल सामने रखकर आप भ्रष्टाचार नहीं कर सकते।
अनिल चौधरी के मुताबिक, सभी नियमों, कानूनों को ताक पर रखकर और सावधानियों को नजरअंदाज कर कुछ मनपंसद ग्रुप की कुछ चुनिदां कम्पनियों को शराब के एल-1 लाईसेंस देकर हजारों करोड़ों रुपये का गैर कानूनी लेन-देन भ्रष्टाचार के तहत हुआ। लाईसेंस देने की प्रक्रिया में राजस्व विभाग के अधिकारी और मंत्रियों के हस्तक्षेप की प्रमुख भूमिका रही।
दिल्ली मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने शिरोमणी अकाली दल के पूर्व विधायक दीप मल्होत्रा के साथ गठजोड़ कर दिल्ली में अवैध टेंडर प्रक्रिया पर एकाधिकार बनाया और हजारों करोड़ों के भ्रष्टाचार में मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल सहित मनीष सिसोदिया मुख्य रुप से शामिल हैं।
दरअसल दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के कहने पर यह सीबीआई जांच शुरू की गई, मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट में कहा गया था कि, नई नीति के जरिए शराब लाइसेंसधारियों को फायदा पहुंचाया गया। रिपोर्ट में सीधे मनीष सिसोदिया का नाम लिया गया था। यह रिपोर्ट एलजी को सौंपी गई थी।
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