
नई दिल्ली । कांग्रेस सांसद(Congress MP) राहुल गांधी(Rahul Gandhi) की ओर से महाराष्ट्र चुनावों(maharashtra elections) को लेकर लगाए गए आरोपों पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार(Deputy Chief Minister Ajit Pawar) ने पलटवार किया। उन्होंने बारामती का उदाहरण देते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी के उम्मीदवार को 48,000 वोट कम मिले थे, जबकि वे स्वयं बारामती का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसके पांच महीने बाद उसी क्षेत्र के मतदाताओं ने उन्हें विधानसभा चुनाव में 1 लाख से अधिक वोटों के अंतर से जिताया। पवार ने कहा कि तो क्या मैंने कुछ गड़बड़ की, क्या कुछ गलत किया? ऐसा नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि कुछ लोग असफल होने के कारण इस तरह के आरोप लगा रहे हैं।
अजित पवार ने आगे कहा कि संविधान और कानून के तहत हर व्यक्ति को अपनी बात उठाने का अधिकार है। उन्होंने चुनाव आयोग की भूमिका पर भरोसा जताते हुए कहा कि आयोग को इन आरोपों की जांच करनी चाहिए। अगर ये आरोप गलत हैं तो उसका उचित जवाब देना चाहिए और अगर सही हैं तो उस पर ध्यान देना चाहिए। अजित पवार ने अपने बयान में साफ कर दिया कि वे आरोपों को गंभीरता से नहीं लेते, बल्कि इसे असफलता का नतीजा मानते हैं।
शरद पवार ने राहुल गांधी का किया समर्थन
इससे पहले, एनसीपी (एसपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने राहुल गांधी की ओर से लगाए गए आरोपों का समर्थन किया। उन्होंने मांग की कि चुनावी प्रक्रिया की शुचिता और निर्वाचन आयोग की छवि के बारे में संदेह दूर करने के लिए आयोग राहुल के वोट चोरी के आरोपों की विस्तृत जांच कराए।
पवार ने निर्वाचन आयोग की ओर से गांधी को हलफनामा दाखिल करने और शपथपत्र के तहत जानकारी देने के लिए कहे जाने के पीछे के तर्क पर भी सवाल उठाया। राहुल गांधी ने कर्नाटक के एक निर्वाचन क्षेत्र में पिछले साल मतदाता सूची के विश्लेषण का हवाला देते हुए भाजपा और निर्वाचन आयोग के बीच मिलीभगत के जरिए चुनाव में बड़े पैमाने पर आपराधिक धोखाधड़ी का दावा किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग और भाजपा ने लोगों से लोकसभा चुनाव चुराने के लिए मिलीभगत की और कम से कम तीन राज्यों में वोट चोरी हुई।
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