
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता(Chairmanship) में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी(cabinet committee on security) ने मंगलवार को भारतीय वायुसेना(Indian Air Force) के लिए 62000 करोड़ रुपये की लागत से 97 LCA मार्क 1A लड़ाकू विमानों की खरीद(purchase of fighter jets) को मंजूरी दी। इससे रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया पहल को मजबूत समर्थन मिलने की उम्मीद है। यह परियोजना स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। LCA मार्क 1A, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा विकसित एक उन्नत स्वदेशी लड़ाकू विमान है, जो भारतीय वायुसेना की ताकत को और बढ़ाएगा।
अक्टूबर में मिल सकता पहले ऑर्डर का पहला विमान
गौरतलब है कि फरवरी 2021 में वायुसेना ने 48000 करोड़ रुपये में 83 LCA मार्क 1A विमानों का ऑर्डर दिया था, लेकिन चार साल बाद भी इनकी डिलीवरी शुरू नहीं हुई। सूत्रों के अनुसार, पहले ऑर्डर का पहला विमान अक्टूबर 2025 में मिल सकता है। ये विमान पुराने मिग-21 का स्थान लेंगे। दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना सितंबर 2025 में अपने अंतिम मिग-21 विमानों को सेवानिवृत्त करेगी, जिससे 62 साल का इतिहास खत्म होगा। यह समारोह चंडीगढ़ में आयोजित होगा। HAL की नासिक उत्पादन लाइन से पहला LCA मार्क 1A जल्द ही अपनी पहली उड़ान भरेगा।
वायुसेना को सौंपा जाएगा पहला LCA मार्क 1A
सूत्रों के मुताबिक, बेंगलुरु में बना पहला LCA मार्क 1A, 18 महीने की देरी के बाद सितंबर 2025 में वायुसेना को सौंपा जाएगा। HAL बेंगलुरु में प्रति वर्ष 16 और नासिक में 24 विमानों का उत्पादन कर सकता है। हालांकि, भारतीय वायुसेना LCA मार्क 1A कार्यक्रम की धीमी प्रगति से चिंतित है, क्योंकि इससे युद्ध क्षमता पर असर पड़ सकता है। HAL ने अब तक 83 विमानों के ऑर्डर के लिए सात विमान बनाए हैं, जिनमें से एक में जीई का F404-IN20 इंजन लगा है।
जीई एयरोस्पेस ने मार्च 2025 में HAL को सौंपा पहला इंजन
जीई एयरोस्पेस ने मार्च 2025 में पहला इंजन HAL को सौंपा और आपूर्ति तेज करने का वादा किया। अमेरिकी कंपनी ने इंजन आपूर्ति में देरी के कारण बताए, लेकिन भारतीय ऑर्डर के लिए उत्पादन बढ़ाने का आश्वासन दिया। 2004 में LCA मार्क 1 के लिए F404-IN20 इंजन चुना गया था और 2016 तक जीई ने 65 इंजन आपूर्ति किए थे। ऑर्डर की कमी से उत्पादन लाइन बंद हो गई थी, लेकिन 2021 में 99 इंजनों के ऑर्डर के बाद जीई ने उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला को फिर से शुरू किया।
वायुसेना प्रमुख ने HAL पर उठाये थे सवाल
मई 2025 में वायुसेना ने परियोजनाओं में देरी पर निराशा व्यक्त की। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा कि उन्हें कोई परियोजना समय पर पूरी होती याद नहीं। उन्होंने समयसीमा को बड़ी समस्या बताया। वायुसेना के पास 42.5 के बजाय केवल 30 स्क्वाड्रन हैं, जिससे क्षमता पर चिंता बढ़ी है। सिंह ने तत्काल सुधार की मांग की। फरवरी 2025 में उन्होंने HAL की क्षमता पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें कंपनी पर भरोसा नहीं है। इसके जवाब में HAL प्रमुख डीके सुनील ने कहा कि उनकी आलोचना का जवाब देने के बजाय LCA मार्क 1A को जल्द से जल्द वायुसेना को सौंपना है।
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