
नई दिल्ली। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (International Cricket Council) यानी ICC ने मेंस क्रिकेट की प्लेइंग कंडीशन (Men’s Cricket Playing Conditions) में महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है, जिसमें ODI मैचों में इस्तेमाल होने वाली दो गेंदों के नियम में कुछ बदलाव के साथ और सख्त कन्कशन सब्सटीट्यूट नियम से जुड़े बड़े अपडेट हैं। ICC मेंस कमिटी द्वारा जारी ये बदलाव टेस्ट में 17 जून से, वनडे में 2 जुलाई से और T20I में 10 जुलाई से लागू होंगे। मौजूदा समय में, वनडे में दो नई गेंदों का इस्तेमाल किया जाता है, दोनों एंड से 25-25 ओवर के लिए नई गेंद यूज होती है। नए नियम के तहत, दो नई गेंदों का इस्तेमाल अभी भी किया जाएगा, लेकिन केवल 34वें ओवर तक। 35वें से 50वें ओवर तक, टीमों को दोनों छोर से गेंदबाजी जारी रखने के लिए उन दो गेंदों में से एक का चयन करना होगा।
यदि पहली पारी शुरू होने से पहले ODI मैच को 25 ओवर या उससे कम कर दिया जाता है, तो केवल एक नई गेंद का इस्तेमाल किया जाएगा।
ICC ने कहा कि नियमों में बदलाव का उद्देश्य “बल्ले और गेंद के बीच संतुलन को फिर से स्थापित करना है।” हाई स्कोर वाले वनडे में लंबे समय से चली आ रही चिंता जहां गेंदबाजों को अक्सर पारी के अंतिम चरण में रिवर्स स्विंग या ग्रिप पाने में संघर्ष करना पड़ता है।
कन्कशन सब्सटीट्यूट
अस्पष्टता से बचने के लिए, टीमों को अब टॉस से पहले मैच रेफरी को पांच कन्कशन सब्सटीट्यूट के नाम बताने होंगे: एक विकेटकीपर, एक बल्लेबाज, एक सीम गेंदबाज, एक स्पिनर, और एक ऑलराउंडर।
यदि कोई कन्कशन सब्सटीट्यूट भी चोटिल हो जाता है, तो मैच रेफरी लाइक टू लाइक प्रोटोकॉल के अनुसार, चुने गए 5 खिलाड़ियों के अलावा किसी और को अनुमति दे सकता है।
बन्नी हॉप
एक छोटा लेकिन उल्लेखनीय बदलाव यह है कि एमसीसी ने सीमा रेखा के बाहर “बन्नी हॉप” कैच की अनुमति नहीं दी है – यह कदम अधिक स्वच्छ और निष्पक्ष आउट सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
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