
नई दिल्ली । भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) ने बुधवार को सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ़ डेवलपिंग सोसाइटीज (CSDS) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। परिषद ने संस्था से चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों पर किए गए अध्ययनों के लिए मिले फंड के स्रोत का खुलासा करने को कहा है। ICSSR ने CSDS पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि संस्था ने जानबूझकर आंकड़ों में हेरफेर कर चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था की साख को कमजोर करने की कोशिश की है।
इसी बीच, नागपुर और नासिक पुलिस ने प्रसिद्ध चुनाव विश्लेषक संजय कुमार के खिलाफ दो अलग-अलग FIR दर्ज की हैं। आरोप है कि उन्होंने महाराष्ट्र की दो विधानसभा सीटों पर वोटरों की संख्या में भारी गिरावट के भ्रामक दावे किए। नागपुर ग्रामीण पुलिस ने रामटेक और हिंगना विधानसभा क्षेत्रों को लेकर झूठे आंकड़े फैलाने का आरोप लगाकर FIR दर्ज की। नासिक शहर के सरकारवाड़ा थाने में भी संजय कुमार के खिलाफ FIR दर्ज की गई। शिकायत नायब तहसीलदार ने की थी।
पुलिस ने उन्हें भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 175 (चुनाव से जुड़ा झूठा बयान), 353(1)(B) (सार्वजनिक उपद्रव पैदा करने वाले बयान), 212 (लोक सेवक को गलत जानकारी देना) और 340 के तहत मामला दर्ज किया है।
ICSSR के आरोप
ICSSR ने CSDS से सात दिनों में जवाब मांगा है और कई अनियमितताओं की ओर इशारा किया है। UGC नियमों के उल्लंघन में नियुक्तियां, गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष का चुनाव न कराना, निदेशक की नियुक्ति की अपारदर्शी प्रक्रिया, FCRA फंड का विवरण न देना, CAG/AG द्वारा वार्षिक खातों का ऑडिट न होना और सरकारी आवास में रहने वाले कर्मचारियों को HRA का भुगतान संबंधित मामलों में जवाब मांगे हैं। परिषद ने चेतावनी दी है कि यदि स्पष्टीकरण नहीं दिया गया तो अनुदान वापस लेने तक की कार्रवाई की जा सकती है।
संजय कुमार ने 11 अगस्त को किए गए एक पोस्ट में दावा किया था कि रामटेक और देववाली विधानसभा क्षेत्रों में वोटरों की संख्या लोकसभा चुनाव 2024 की तुलना में काफी घटी है। बाद में उन्होंने पोस्ट डिलीट कर माफी मांगी और कहा कि “डेटा टीम की गलती से आंकड़ों को गलत तरीके से पढ़ा गया, मेरा उद्देश्य गुमराह करना नहीं था।”
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