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गाजा में बकरीद मना रहे लोगों बेकसूर फिलिस्तीनियों पर आईडीएफ ने बरपाया कहर

June 18, 2024


नई दिल्ली. इजरायल (israel) ने एक बार फिर बेगुनाह फिलिस्तीनियों (innocent Palestinians) पर कहर ढा दिया है. इजरायली सेना ने मध्य गाजा (Gaza) के ब्यूरिज कैंप पर भारी बमबारी की है. इस बमबारी में पांच बच्चों और एक महिला समेत कम के कम नौ लोग मारे गए हैं, जबकि कई लोग घायल हुए हैं. कई लोगों के मलबे में दबे होने की बात कही जा रही है. घायलों और मृतकों के शवों को दीर अल-बलाह के अल अक्सा अस्पताल (Al Aqsa Hospital)  में लाया गया है.



नौ फिलिस्तीनियों के मारे जाने के साथ दर्जनों लोगों के घायल होने की बात कही है. ये हमला तब हुआ जब शरणार्थी कैंप में लोग ईद अल-अजहा त्योहार मनाने की तैयारी कर रहे थे. पिछले साल अक्टूबर में गाजा पर शासन करने वाले हमास ने इजरायल पर हमला कर 1200 लोगों को मार डाला था, बदले की कार्रवाई में करीब 38 हजार फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं.

दूसरी तरफ इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपनी छह सदस्यीय वॉर कैबिनेट को भंग करने की घोषणा की है. वॉर कैबिनेट 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के बाद 11 अक्टूबर को बनाई गई थी. ये कैबिनेट जंग के दौरान इजराइल की सुरक्षा से जुड़े अहम फैसले लेने के लिए जिम्मेदार थी. नेतन्याहू ने कैबिनेट भंग करते हुए कहा कि हमने कई ऐसे फैसले किए थे जिनसे सेना सहमत नहीं थी.

नेतन्याहू के नेतृत्व में बनी वॉर कैबिनेट में काफी दिनों से मतभेद चल रहे थे. इसके चलते कैबिनेट के मेंबर रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज ने इस्तीफा भी दे दिया था. उन्होंने इसकी वजह गाजा में बंधकों की रिहाई के लिए नेतन्याहू द्वारा किए जा रहे प्रयास को गलत बताया था. गाजा में संघर्ष विराम और बंधकों की रिहाई को लेकर इजरायली मंत्रियों के बीच मतभेद खुलकर सामने आए थे. इसमें इजरायली वित्त मंत्री भी शामिल थे.

बेनी गैंट्ज ने कहा था कि यदि इजरायल सरकार बंधकों की रिहाई के समझौते को रोकती है तो उसे सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं रहेगा. वहीं वित्त मंत्री बेज़ालेल स्मोटरिच ने कहा कि सरकार समझौते के लिए तैयार होती है तो ये एक शर्मनाक सरेंडर होगा. यदि रफाह पर इजरायल का नियोजित हमला टाल दिया जाता है तो मौजूदा सरकार को जारी नहीं रखा जा सकता. उन्होंने सीजफायर का विरोध किया था.

इधर, हमास की कैद से इजरायली बंधकों की रिहाई के लिए इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनकी सरकार पर दबाब बढ़ता ही जा रहा है. हाल के दिनों में तेल अवीव में बंधकों के परिजन और दोस्त लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. शनिवार को एक बार फिर हजारों लोग सड़कों पर उतर आए और इजरायल की सरकार से बंधकों की रिहाई के लिए हमास से समझौते की मांग करते हुए इजरायली सैन्य अभियान का विरोध किया.

बंधक बनाए गए लोगों के परिजनों और दोस्तों को डर है कि यदि इजरायल गाजा में सैन्य अभियान जारी रखता है तो युद्ध लंबा खिंचेगा और ज्यादा बंधक मारे जाएंगे. इस प्रदर्शन में शामिल लोगों का दावा है कि प्रधानमंत्री नेतन्याहू और उनकी वॉर कैबिनेट बंधकों को छुड़ाने और देश को चलाने में पूरी तरह से असमर्थ है. ऐसे में नेतन्याहू को तुरंत इस्तीफा देकर देश में आम चुनाव कराना चाहिए. इन प्रदर्शनों के बाद ही नेतन्याहू ने फैसाल लिया है.

बताते चलें कि पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हमला कर 250 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया था. करीब आधे बंधकों को हमास अब तक छोड़ चुका है, जबकि 41 बंधकों की मौत हो चुकी है. लेकिन अभी भी उसके कैद में करीब 116 इजरायली नागरिक हैं. वहीं इस प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शकारियों के बीच झड़पे भी हुई, जिसके बाद बेकाबू प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस ने पानी की बौछार किया.

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