
उज्जैन। महानवमी समाप्त होने के बाद से शहर में मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन शुरू हो गया। पिछले दस दिनों से रास उल्लास के रंग में रंगे शहर के गरबा पंडालों में सन्नाटा पसर गया है।
शारदीय नवरात्रि के अंतिम दिन बुधवार देर रात तक माता की आराधना में गरबे जारी रहे और आज भक्तों ने माता रानी को नम आंखों से विदाई दी। सुबह से ही शहर दुर्गा प्रतिमाओं को जयकारे और ढोल की गूंज के साथ श्रद्धा और भक्ति के माहौल में विसर्जन के लिए शिप्रा की और रवाना किया गया। शहर के कई पूजा पंडालों के सदस्यों ने सजे हुए वाहन से प्रतिमाओं को नगर भ्रमण कराया। जगह-जगह बनाए गए सुंदर पंडाल सूने हो गए। विसर्जन से पहले श्रद्धालुओं ने भक्तिभाव से माता की आरती उतारी। महिलाओं ने माता का श्रृंगार किया, माता रानी को चढ़ाए सिंदूर को अपने माथे से लगाया और अखंड सुहाग की कामना की। परस्पर एक-दूसरे की मांग से सिंदूर लगाकर सदियों से चली आ रही परंपरा निभाई।
सिंदूर खेला के साथ विदा हुईं बंगाली समाज की मां दुर्गा..
बंगाली समाज की महिलाओं ने नवमी के दूसरे दिन सुबह नम आंखों के साथ सिंदूर खेला के साथ मां दुर्गा की विदाई की। उज्जैन में बंगाली कालोनी पर बंगाली समाज ने दुर्गा पूजा का आयोजन किया। बंगाली समाज की महिलाएं पारंपरिक परिधानों में पहुंचीं और सिंदूर खेला के बाद नम आंखों से मां दुर्गा को विदाई दी। महिलाओं ने एक-दूसरे को सिंदूर लगाया। सभी जगह बड़ी संख्या में समाजजन भी शामिल हुए।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved