
भोपाल। भाजपा ने अपने संगठन में पदाधिकारियों पर उम्र का बंधन लागू करने के बाद अब आने वाले निगम चुनाव में पार्षद पद के दावेदारों के लिए भी उम्र का बंधन लागू करने पर विचार करना शुरू कर दिया है। भोपाल में इसको लेकर चर्चा चल रही है कि 45 साल तक के युवाओं को ही पार्षद चुनाव में तवज्जो दी जाए और जहां उम्मीदवार नहीं मिले वहां इस उम्र से ज्यादा के उम्मीदवार लिए जा सकते हैं। उम्र का फंडा अगर चला तो ऐसे पार्षद, जिनका कार्यकाल समाप्त हो चुका है, दावेदारी से दूर हो जाएंगे। जिस तरह से भाजपा युवाओं पर ज्यादा जोर दे रही है, उससे लग रहा है कि भाजपा आने वाले दिनों में उन कंधों पर पार्टी को खड़ा करना चाहती है, जो लंबे समय तक पार्टी को लेकर चले। अभी युवाओं की जो फौज पार्टी से जुड़ी है उसमें ऊर्जा भी है और पार्टी इसके साथ नवाचार भी करना चाहती है। हालांकि वरिष्ठों को भी पार्टी साथ लेकर चलना चाहती है। अभी भाजपा ने मंडल अध्यक्षों के लिए 40 तो नगर अध्यक्ष के लिए 45 साल की उम्रसीमा तय की थी और उसके अनुसार संगठन का खाका तैयार किया गया है। अब भोपाल से खबर निकलकर आ रही है कि निगम चुनावों में भी भाजपा उम्र का प्रयोग लागू कर नगरीय निकायों की कमान युवाओं के हाथों में देना चाहती है। इसको लेकर चर्चा भी शुरू हो चुकी है और अगर वरिष्ठ नेता इस पर मुहर लगा देते हैं तो निकाय चुनाव में पार्षद उम्मीदवारों के लिए 45 साल की उम्रसीमा तय की जा सकती है। अगर ऐसा रहा तो चुनाव लडऩे के इच्छुक कई दावेदार स्वत: ही बाहर हो जाएंगे। इनमें पिछली महापौर परिषद के कई पार्षद भी शामिल हैं।
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