
मॉस्को. रूस (Russia) के राष्ट्रपति (President) व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने यूक्रेन युद्ध (Ukraine war) को लेकर बड़ा और कड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ कहा है कि अगर शांति वार्ता रूस की शर्तों के मुताबिक आगे नहीं बढ़ी तो रूस यूक्रेन में अपने नियंत्रण वाले इलाकों का और विस्तार करेगा। पुतिन ने यह चेतावनी वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की वार्षिक बैठक में दी। उन्होंने संकेत दिया कि कूटनीति विफल हुई तो रूस सैन्य ताकत के दम पर अपने लक्ष्य हासिल करेगा।
पुतिन ने कहा कि रूस संघर्ष को बातचीत के जरिए सुलझाना चाहता है और युद्ध की जड़ कारणों को खत्म करने के पक्ष में है। लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर विरोधी पक्ष और उसके विदेशी समर्थक गंभीर संवाद से इनकार करते हैं, तो रूस सैन्य कार्रवाई का रास्ता अपनाएगा। पुतिन के शब्दों में, रूस अपने ऐतिहासिक क्षेत्रों की मुक्ति के लिए बल प्रयोग करने से पीछे नहीं हटेगा।
अंतरराष्ट्रीय कोशिशें तेज
यह बयान ऐसे समय आया है जब यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास तेज हुए हैं। मौजूदा अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि उच्चस्तरीय बैठकों के बाद समझौता पहले से ज्यादा करीब है। अमेरिका, यूक्रेन और यूरोपीय देशों के बीच सुरक्षा गारंटी और सीमाओं को लेकर बातचीत चल रही है। हालांकि, नाटो सदस्यता जैसे मुद्दों पर अब भी सहमति नहीं बन पाई है।
मोर्चे पर बढ़त का दावा
पुतिन ने दावा किया कि रूसी सेना पूरे फ्रंट लाइन पर रणनीतिक बढ़त बनाए हुए है। उन्होंने रूस-यूक्रेन सीमा के पास सुरक्षा बफर जोन को और बढ़ाने की बात कही। पुतिन ने रूसी सैनिकों को युद्ध में तपे हुए बताते हुए कहा कि उनकी लड़ाकू क्षमता का कोई मुकाबला नहीं है। दूसरी ओर, यूक्रेन और उसके पश्चिमी सहयोगियों ने इन दावों को खारिज करते हुए रूस पर संप्रभुता उल्लंघन का आरोप दोहराया।
परमाणु ताकत का भी जिक्र
अपने भाषण में पुतिन ने रूस की बढ़ती सैन्य ताकत और परमाणु क्षमता का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि परमाणु क्षमता से लैस ओरेश्निक बैलिस्टिक मिसाइल को इसी महीने औपचारिक रूप से सेवा में शामिल किया जाएगा। पुतिन ने दावा किया कि नवंबर 2024 में इस मिसाइल के पारंपरिक संस्करण का इस्तेमाल यूक्रेन के एक कारखाने पर हमले में किया गया था, जिसे रोका नहीं जा सका।
रूस ने एक बार फिर अपनी पुरानी शर्तें दोहराईं। पुतिन ने कहा कि यूक्रेन और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को क्रीमिया पर रूस के नियंत्रण को मान्यता देनी होगी। इसके अलावा, पूर्वी और दक्षिणी यूक्रेन के उन इलाकों से यूक्रेनी सेना की वापसी की मांग भी दोहराई गई, जिन पर अभी कीव का नियंत्रण है। शांति प्रस्ताव पर बातचीत जारी है, लेकिन दोनों पक्षों के बीच दूरी अब भी बनी हुई है।
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