
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के मुख्य न्यायाधीश (CJI) भूषण गवई (Bhushan Gawai) ने दर्यापुर में नवनिर्मित न्यायिक भवन (Newly Constructed Judicial Building) के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लिया. जहां उन्होंने कहा कि यह कुर्सी जनता की सेवा के लिए है न कि घमंड के लिए. कुर्सी अगर सिर पर चढ़ जाए तो यह सेवा नहीं, बल्कि पाप बन जाती है. CJI भूषण गवई ने अपने संबोधन में न्यायपालिका के भीतर व्याप्त अहंकार और औपचारिकता के प्रति नाराजगी जताई.
विशेष रूप से उन्होंने वकीलों और न्यायाधीशों के आपसी संबंधों पर जोर देते हुए कहा न्यायाधीशों को वकीलों को सम्मान देना चाहिए. यह अदालत वकील और न्यायाधीश दोनों की है. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई ने ने जूनियर वकीलों की ओर इशारा करते हुए कहा, “25 साल का वकील कुर्सी पर बैठा होता है और जब 70 साल का सीनियर आता है तो उठता भी नहीं. थोड़ी तो शर्म करो!
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